भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में देश के रिटेल उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। इसमें आरबीआई ने रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत कम किया है। इस कटौती के बाद आरबीआई की रेपो रेट 5.25 प्रतिशत पर आ गई है। इस साल चौथी बार रेपो रेट कम की है। साल भर में कुल 1.25 प्रतिशत रेपो रेट में कटौती की गई है। फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) ने आरबीआई के इस फैसले का स्वागत किया है। फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि रेपो रेट कम होने से कॉमर्शियल बैंकों के पास एक्सट्रा लिक्विडिटी होगी। इससे होम, कार और अन्य लोन की ब्याज दरों में कमी आने की संभावना है। जिससे रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और अन्य सेक्टर्स में डिमांड बढ़ेगी और बाजार को बूस्ट मिलेगा। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की गति और तेज होगी। आरबीआई को इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि रेपो रेट में कटौती से बैंकों को होने वाला लाभ उपभोक्ताओं तक भी पहुंचे, क्योंकि बैंक कई बार रेपो रेट कटौती के पूरे लाभ को उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचाते।