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26-06-2025

‘5 करोड़ रुपए की मौजूदा ई-वे बिल सीमा को रखा जाए बरकरार’

  •  फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) ने जीएसटी की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए व्यापारियों की ओर से सीजीएसटी कार्यालय में शिकायत निवारण समिति की 8वीं बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता सीजीएसटी जयपुर के मुख्य आयुक्त अनुज गोगिया ने की। इसमें एसजीएसटी के अधिकारी भी शामिल हुए। फोर्टी की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष डॉ अरुण अग्रवाल ने समिति की बैठक में भाग लिया। फोर्टी की ओर से  जीएसटी से सम्बन्धित समस्याओं के समाधान के लिए समिति में निम्न सुझाव  रखे। जीएसटी न्यायाधिकरण का संचालन जल्दी शुरू किया जाए,  जीएसटीएन की प्रक्रिया में गति लाई जाए, 24 घंटे में जीएसटी नम्बर मिल जाना चाहिए। रिटर्न दाखिल करने के बाद त्रुटि संशोधन की अनुमति दी जाए,  एमनेस्टी योजना 31 मार्च 2026 तक बढ़ाई जाए, बकाया राशि पर ब्याज दर को 18 फीसदी के बजाय 12 फीसदी तक किया जाए। 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले व्यवसायों पर एचएसएन कोड लागू नहीं होना चाहिए। 5 करोड़ रुपये की मौजूदा ई-वे बिल सीमा को बरकरार रखा जाना चाहिए। ईमानदार करदाताओं को सम्मानित किया जाना चाहिए। इस मौके पर भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश सोमानी, राजस्थान स्टील चैम्बर के अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल व राजस्थान चैम्बर के अध्यक्ष डॉ. के.एल. जैन आदि उपस्थित थे।

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‘5 करोड़ रुपए की मौजूदा ई-वे बिल सीमा को रखा जाए बरकरार’

 फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) ने जीएसटी की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए व्यापारियों की ओर से सीजीएसटी कार्यालय में शिकायत निवारण समिति की 8वीं बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता सीजीएसटी जयपुर के मुख्य आयुक्त अनुज गोगिया ने की। इसमें एसजीएसटी के अधिकारी भी शामिल हुए। फोर्टी की ओर से कार्यकारी अध्यक्ष डॉ अरुण अग्रवाल ने समिति की बैठक में भाग लिया। फोर्टी की ओर से  जीएसटी से सम्बन्धित समस्याओं के समाधान के लिए समिति में निम्न सुझाव  रखे। जीएसटी न्यायाधिकरण का संचालन जल्दी शुरू किया जाए,  जीएसटीएन की प्रक्रिया में गति लाई जाए, 24 घंटे में जीएसटी नम्बर मिल जाना चाहिए। रिटर्न दाखिल करने के बाद त्रुटि संशोधन की अनुमति दी जाए,  एमनेस्टी योजना 31 मार्च 2026 तक बढ़ाई जाए, बकाया राशि पर ब्याज दर को 18 फीसदी के बजाय 12 फीसदी तक किया जाए। 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले व्यवसायों पर एचएसएन कोड लागू नहीं होना चाहिए। 5 करोड़ रुपये की मौजूदा ई-वे बिल सीमा को बरकरार रखा जाना चाहिए। ईमानदार करदाताओं को सम्मानित किया जाना चाहिए। इस मौके पर भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश सोमानी, राजस्थान स्टील चैम्बर के अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल व राजस्थान चैम्बर के अध्यक्ष डॉ. के.एल. जैन आदि उपस्थित थे।


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