इंडिया के एसएमई आईपीओ मार्केट में हालिया उत्साह को लगातार कमजोर लिस्टिंग से झटका लगा है। बैक-टू-बैक कमजोर लिस्टिंग ने निवेशकों के बीच एसएमई आईपीओ बूम की चमक को कुछ हद तक कम कर दिया है, जिससे मार्केट में सतर्कता का माहौल बन गया है। हालांकि दिसंबर के शुरुआती दिनों में मैन बोर्ड व एसएमई प्लेटफॉर्म पर कुछ इश्यूज ने अच्छा रिटर्न दिया है। इसी क्रम में जयपुर बेस्ड स्टेनलेस स्टील स्ट्रिप्स बनाने वाली कंपनी श्री कान्हा स्टेनलेस लिमिटेड के आईपीओ ने भी निवेशकों का अच्छा खासा नुकसान करा दिया है। कंपनी के शेयर की हाल ही में स्टॉक मार्केट में कमजोर शुरुआत के साथ लिस्टिंग हुई है और कंपनी के शेयर में लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है। श्री कान्हा स्टेनलेस लिमिटेड का 46.28 करोड़ रुपए का एसएमई आईपीओ एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर 3 दिसंबर को ओपन होकर 5 दिसंबर को बंद हुआ था और कंपनी के आईपीओ को 2.81 गुना के सब्सक्रिप्शन के साथ निवेशकों की खराब प्रतिक्रिया मिली थी। कंपनी ने आईपीओ के तहत 90 रुपए प्रति शेयर की प्राइस पर शेयर इश्यू किए थे पर कंपनी के शेयर ने बुधवार को एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर 2.22 फीसदी गिरावट के साथ 88 रुपए प्रति शेयर पर कमजोर डेब्यू किया था और पिछले दो कारोबारी दिनों में 15 फीसदी गिरावट के साथ कंपनी का शेयर 75 रुपए पर आ गया है। इस एसएमई आईपीओ में इंवेस्ट करने वाले इंवेस्टरों को वर्तमान में 16 फीसदी का नुकसान हो रहा है। हाल ही में प्रमोटर गु्रप कंपनी नवभारत ट्यूब्स प्राइवेट लिमिटेड की जयपुर के विद्याधर नगर बेस्ड ऑफिस व झोटवाड़ा इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित फैक्ट्री पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की टीम ने छापा मारा था, जिसकी कार्रवाई शुक्रवार को संपूर्ण हुई है। यह कंपनी भी स्टेनलेस स्टील ट्यूब और पाइप मैन्युफैक्चरिंग का काम प्रमुखता से करती है। सूत्रों के अनुसार टीम की कार्रवाई के दौरान कंपनी संचालकों जय भगवान अग्रवाल, शशांक अग्रवाल व कविता अग्रवाल ने जीएसटी गड़बड़ी स्वीकार कर गिरफ्तारी से बचने के डर से मौके पर ही करीब 5.50 करोड़ रुपए की टैक्स राशि देने की खबर सामने आ रही है। इस दौरान कंपनी पर बिना बिल और जीएसटी भुगतान के माल की आपूर्ति और बोगस फर्मों से लेनदेन के भी आरोप लगे हैं। टीम ने कार्रवाई के दौरान अनेक दस्तावेज भी जब्त किए है। नागपुर बेस्ड क्रेओ कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड श्री कान्हा स्टेनलेस लिमिटेड के एसएमई आईपीओ का मर्चेंट बैंकर था। डीजीजीआई टीम कार्रवाई को लेकर कंपनी के डायरेक्टर शशांक अग्रवाल से जब बातचीत की तो उन्होंने डीजीजीआई कार्रवाई को स्वीकार किया और उनका कहना है कि जीएसटी टैक्स राशि का भुगतान करने की कोई बात नहीं है।