बड़ी इलायची की दूसरी फसल चालू होने तथा नेपाल से भी आयात पड़ता आकर्षक नहीं होने के बाद भी बिक्री घटने से हाल ही में इस प्रमुख किराना जिंस में मंदी आई है। आने वाले दिनों में हाजिर में बड़ी इलायची में फिलहाल तेजी के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। नेपाल से बड़ी इलायची का आयात का दबाव घटने लगा है। हालांकि वहां से इस प्रमुख किराना जिंस का आयात पड़ता और घरेलू बाजारों में इसकी कीमत करीब-करीब बराबर हो जाने से आयात आकर्षक नहीं रह गया है। इधर देश में, बढ़ी कीमत पर बिक्री बढऩे से हाल ही में बड़ी इलायची कैंचीकट हाल ही में उतार-चढ़ाव के बाद 40-50 रुपए और मंदी होकर फिलहाल 1650/1660 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी हुई है। इससे पूर्व हाल ही में इसमें 40-50 रुपए की मंदी आई थी। 27 नवम्बर को हुई अभी तक की अंतिम नीलामी में इसकी औसत नीलामी कीमत थोड़ी मंदी होकर 1450/1737 रुपए प्रति किलोग्राम पर रह जाने की सूचना मिली थी। भारत की तरह ही नेपाल से बड़ी इलायची के आयात का दबाव अब घटने लगा हैं। नवीनतम मंदी का प्रमुख कारण यह है कि बिक्री का समर्थन घटने लगा है। बहरहाल, हाल ही में खत्म हुए सीजन के दौरान पहली फसल की तरह ही दूसरी फसल भी सामान्य से काफी कमजोर आई थी। इसकी वजह यह है कि इस सीजन में फसल के विकास के समय मौसम प्रतिकूल बना रहा था। पहली फसल के बाद अक्तूबर-नवम्बर में आने वाली दूसरी फसल भी करीब-करीब पिछले सीजन के आसपास ही आने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। भारत की तरह ही नेपाल में भी बड़ी इलायची की फसल को भारी नुकसान हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल में इन दिनों बड़ी इलायची की आवक सामान्य से काफी कम हो रही है। इसका आयात पड़ता ऊंचा होने से वहां से आयात का पड़ता नहीं पडऩे की सूचना मिल रही है। भविष्य में यह और बढऩे की उम्मीद भी जताई जा रही है। भूटान और सिक्किम में भी फसल को हानि होने की खबरें आ रही हैं। वित्त वर्ष 2025-26 के आरंभिक पांच महीनों में देश से कुल 87.12 करोड़ रुपए कीमत की 493 टन बड़ी इलायची का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 415 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 66.03 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आगामी दिनों में बड़ी इलायची में तेजी के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।