मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित देश की सभी मंडियों में सरसों की आवक घट गई है तथा मलेशिया सहित दूसरे देशों के तेलों का शिपमेंट कम हो रहा है, क्योंकि समुद्री मार्ग में आयातक अभी रिस्क महसूस कर रहे हैं। जिस कारण सरसों में स्टॉकिस्ट लिवाल चल रहे हैं। फलत: बाजार यहां सरसों 100 रुपए एवं इसका तेल 300 रुपए का तेज हो गया है। हाजिर माल की कमी को देखकर इसमें इतनी ही और तेजी लग रही है। इस बार सरसों के उत्पादन में पूर्व अनुमान से पोल की संभावना बन गई है, क्योंकि गुजरात में जितना अनुमान उत्पादन का लगाया जा रहा था, वहां 5 लाख मीट्रिक टन कम बैठा है, इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी ज्यादा उत्पादन अनुमान लगाया गया था, वहां भी ग्वालियर इंदौर दाहोद एवं नीमच लाइन में उत्पादकता कम रही है। इस वजह से पूर्व अनुमान की अपेक्षा 3 लाख मीट्रिक टन वहां भी कम आया है। इस तरह जो उत्पादन अनुमान 110 लाख मीट्रिक टन का लगाया गया था, वास्तविकता में ताजा अनुमान उत्पादन मंडियों में आवक के आधार पर 102 लाख मीट्रिक टन बैठने का आने लगा है।राजस्थान के निवाई टोंक जयपुर अलवर भरतपुर सुमेरपुर कोटा बारा भवानीगंज दौसा डीडवाना सभी उत्पादक क्षेत्रों में सरसों रावत 4 लाख बोरी दैनिक हो रही है। जबकि गत वर्ष इन दोनों 6.25 लाख बोरी आवक हो रही थी। वहां अलग-अलग मंडियों में नमी के हिसाब से 6000/6250 रुपए प्रति क्विंटल के बीच तेल की प्रतिशतता के हिसाब से लूज में व्यापार हो रहा है। निवाई टोंक कोटा लाइन की सरसों जयपुर पहुंच में 6800 रुपए 42 प्रतिशत कंडीशन वाली जीएसटी अतिरिक्त बिक रही है, जबकि गत वर्ष इन दिनों 5625 रुपए के आसपास भाव चल रहे थे। मध्य प्रदेश राजस्थान गुजरात यूपी सहित सभी मंडियों को मिलाकर आवक गत वर्ष की समान अवधि में 38 प्रतिशत कम हो रही है। तेल के भाव भी निवाई टोंक लाइन में 5-6 दिनों के अंतराल 4 रुपए बढक़र जयपुर पहुंच में 146/147 रुपए प्रति किलो जीएसटी अतिरिक्त भाव हो गये हैं तथा चालू महीने के अंत में 150 रुपए प्रति किलो हो जाने की संभावना है। सरसों सीड का दबाव अब दिन प्रतिदिन घटने लगा है तथा यूपी में भी माल कम आ रहा है। हरियाणा पंजाब में भी पीक स्तर पर सरसों आकर निबटने चुकी है। गुजरात में माल कम आ रहा है। अभी तक राजस्थान हरियाणा एमपी एवं यूपी की कच्ची मंडियों में स्टाक को देखते हुए सरसों का उत्पादन 102 लाख मीट्रिक टन से अधिक का अनुमान नहीं आ रहा है, जबकि तेल तिलहन सेमिनार में 110.25 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया था तथा जो सरसों जयपुर पहुंच में चालू माह के शुरुआत में नीचे में 6300 रुपए बिकी है, वह वर्तमान में 42 प्रतिशत कंडीशन वाली 6800 रुपए प्रति कुंतल तक ऊपर में बिकने लगी है तथा यह 7500 रुपए जुलाई में बन सकती है तथा नई फसल से पहले इस भाव को भी जयपुर कंडीशन में पार कर सकती हैं।