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21-06-2025

साठी धान की आवक का प्रेशर नहीं, किंतु पुराने चावल में मंदा

  •  साठी धान की आवक पिछले 15 दिनों से यूपी उत्तराखंड के सीमावर्ती मंडियों में शुरू हुई है, लेकिन अभी तक किसी भी मंडी में आवक का दबाव नहीं बन पाया है, लेकिन इजराइल ईरान युद्ध से चावल में भारी मंदा आ गया है। इसके प्रभाव से साठी धान भी घटा हुआ है। वर्तमान भाव में साठी धान की खरीद आगे चलकर लाभदायक रहेगी। इस बार साठी धान की बिजाई 20-25 प्रतिशत के अंतर्गत हुई है, लेकिन वास्तविकता में धान की कटाई को देखते हुए 20 प्रतिशत से कम होने का ताजा अनुमान उत्पादक क्षेत्र से आने लगा है। आज गदरपुर मंडी में 15000 बोरी के करीब नई धान की आवक हुई जिसमें 1509 साठी धान 2700/2750 रुपए प्रति कुंतल बिकने की खबर थी, जिसमें 22-24 प्रतिशत नमी एवं 15-16 प्रतिशत ग्रीन माल निकलने की खबर मिल रही है। इसके अलावा गढ़मुक्तेश्वर मंडी में शाम तक 1800-2000 बोरी धान की आवक हुई। वहां शरबती धान 2100/2180 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बिकने की खबर थी, ज्यादा नमी एवं ग्रीन वाला माल 2000 रुपए भी बोली में बिकने की प्रत्यक्ष दर्शियों ने बात बताई। इसके अलावा बुलंदशहर मंडी में 1600-1700 बोरी 1509 धान की आवक हुई, जिसमें 23-24 प्रतिशत नमी एवं 14-15 ग्रीन माल आया। वहां 2750/2820 रुपए प्रति क्विंटल तक व्यापार सुना गया। इसके अलावा अन्य तराई वाली मंडियों में भी 400-500 बोरी की आवक सुनी गई, उक्त मंदिरों में दोपहर तक ही आया हुआ माल बिक गया। हालांकि बिजाई केवल औसतन 15 से 20 प्रतिशत ही के बीच हुई है, लेकिन इजरायल-ईरान युद्ध के चलते शिपमेंट हुए बासमती चावल के लगभग 6-7 स्टीमर समुद्री मार्ग में बताये जा रहे हैं, जिससे निर्यातक नए सौदे किसी भी भाव में खरीदने से पीछे हट गए हैं। इस वजह से ऊपर के भाव से 800/900 रुपए प्रति कुंतल सभी तरह के बासमती चावल में एक सप्ताह के अंतराल गिरावट आ गई है। यहां 1509 सेला चावल 5800/5900 एवं 1718 सेला चावल 6000/6100 रुपए प्रति कुंतल रह गया है  वास्तविकता यह है कि किसी भी भाव में बोलने पर व्यापार नहीं हो रहा है। इधर पुरानी शरबती एवं 1401 सहित सभी चावलों में भरपूर मंदा आ गया है। विशेषज्ञों की राय में यह मंदा केवल इजरायल-ईरान युद्ध के चलते आया हुआ है, अन्यथा पाइप लाइन में माल नहीं है तथा किसी भी राइस मिल में तैयार चावल सेला व स्टीम नहीं है। दूसरी ओर मिलिंग के लिए धान उपलब्ध नहीं है। वर्तमान भाव का धान खरीद कर मिलिंग करने पर कम से कम 250/300 रुपए प्रति क्विंटल का 1509 एवं 1401 चावल में नुकसान लग रहा है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान भाव में बेचने की बजाय माल खरीदना चाहिए, क्योंकि बासमती धान की फसल आने में अभी लंबा समय बाकी है, साठी की फसल बहुत कम है तथा पुराना धान किसी भी मंडी में नहीं है। आज की तारीख में मिलिंग करने पर काफी पड़ता महंगा लग रहा है।

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साठी धान की आवक का प्रेशर नहीं, किंतु पुराने चावल में मंदा

 साठी धान की आवक पिछले 15 दिनों से यूपी उत्तराखंड के सीमावर्ती मंडियों में शुरू हुई है, लेकिन अभी तक किसी भी मंडी में आवक का दबाव नहीं बन पाया है, लेकिन इजराइल ईरान युद्ध से चावल में भारी मंदा आ गया है। इसके प्रभाव से साठी धान भी घटा हुआ है। वर्तमान भाव में साठी धान की खरीद आगे चलकर लाभदायक रहेगी। इस बार साठी धान की बिजाई 20-25 प्रतिशत के अंतर्गत हुई है, लेकिन वास्तविकता में धान की कटाई को देखते हुए 20 प्रतिशत से कम होने का ताजा अनुमान उत्पादक क्षेत्र से आने लगा है। आज गदरपुर मंडी में 15000 बोरी के करीब नई धान की आवक हुई जिसमें 1509 साठी धान 2700/2750 रुपए प्रति कुंतल बिकने की खबर थी, जिसमें 22-24 प्रतिशत नमी एवं 15-16 प्रतिशत ग्रीन माल निकलने की खबर मिल रही है। इसके अलावा गढ़मुक्तेश्वर मंडी में शाम तक 1800-2000 बोरी धान की आवक हुई। वहां शरबती धान 2100/2180 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बिकने की खबर थी, ज्यादा नमी एवं ग्रीन वाला माल 2000 रुपए भी बोली में बिकने की प्रत्यक्ष दर्शियों ने बात बताई। इसके अलावा बुलंदशहर मंडी में 1600-1700 बोरी 1509 धान की आवक हुई, जिसमें 23-24 प्रतिशत नमी एवं 14-15 ग्रीन माल आया। वहां 2750/2820 रुपए प्रति क्विंटल तक व्यापार सुना गया। इसके अलावा अन्य तराई वाली मंडियों में भी 400-500 बोरी की आवक सुनी गई, उक्त मंदिरों में दोपहर तक ही आया हुआ माल बिक गया। हालांकि बिजाई केवल औसतन 15 से 20 प्रतिशत ही के बीच हुई है, लेकिन इजरायल-ईरान युद्ध के चलते शिपमेंट हुए बासमती चावल के लगभग 6-7 स्टीमर समुद्री मार्ग में बताये जा रहे हैं, जिससे निर्यातक नए सौदे किसी भी भाव में खरीदने से पीछे हट गए हैं। इस वजह से ऊपर के भाव से 800/900 रुपए प्रति कुंतल सभी तरह के बासमती चावल में एक सप्ताह के अंतराल गिरावट आ गई है। यहां 1509 सेला चावल 5800/5900 एवं 1718 सेला चावल 6000/6100 रुपए प्रति कुंतल रह गया है  वास्तविकता यह है कि किसी भी भाव में बोलने पर व्यापार नहीं हो रहा है। इधर पुरानी शरबती एवं 1401 सहित सभी चावलों में भरपूर मंदा आ गया है। विशेषज्ञों की राय में यह मंदा केवल इजरायल-ईरान युद्ध के चलते आया हुआ है, अन्यथा पाइप लाइन में माल नहीं है तथा किसी भी राइस मिल में तैयार चावल सेला व स्टीम नहीं है। दूसरी ओर मिलिंग के लिए धान उपलब्ध नहीं है। वर्तमान भाव का धान खरीद कर मिलिंग करने पर कम से कम 250/300 रुपए प्रति क्विंटल का 1509 एवं 1401 चावल में नुकसान लग रहा है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान भाव में बेचने की बजाय माल खरीदना चाहिए, क्योंकि बासमती धान की फसल आने में अभी लंबा समय बाकी है, साठी की फसल बहुत कम है तथा पुराना धान किसी भी मंडी में नहीं है। आज की तारीख में मिलिंग करने पर काफी पड़ता महंगा लग रहा है।


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