केरल में इस वर्ष मानसून का आगमन 8 दिन पहले ही होने और कुछ अन्य राज्यों में भी यह समय से पहले पहुंचने के बाद राजस्थान समेत उत्तर भारत में अभी इसकी प्रतीक्षा ही हो रही है। इसके बाद भी धनिए में सुस्ती का माहौल बना हुआ है। आने वाले समय में धनिए में सुस्ती बनी रह सकती है। इस वर्ष केरल में मानसून सामान्य से 8 दिन पहले पहुंच गया था। इसके बाद यह तेजी से तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्टï्र समेत देश के कई राज्यों में जा पहुंचा था। हालांकि इसके बाद करीब आठ-दस दिनों तक इसके आगे बढऩे पर ब्रेक लग गया था लेकिन इन पंक्तियों के लिखे जाने के समय तक गुजरात और मध्य प्रदेश तक मानसून पहुंच गया है और उम्मीद है कि अगले कुछ ही दिनों में यह उत्तर तथा उत्तर-पश्चिमी भारत को भी अपनी गिरफ्त में ले लेगा। बहरहाल, राजस्थान की मंडिय़ों में धनिए की आवक सामान्य से नीची बनी हुई है। बहरहाल, अंतिम सूचना के समय राज्य की बारां मंड़ी में इसकी करीब 1000-1200 बोरियों तथा रामगंज में लगभग पांच-साढ़े पांच हजार बोरियों की आवक होने की सूचना आ रही है। कीमत उम्मीद से नीची होने के कारण किसानों ने अपनी धनिया फसल की बिक्री सीमित की हुई है। आवक अपेक्षाकृत रूप से नीची बनी होने के बाद भी इस प्रमुख किराना जिंस की कीमत पूर्वस्तर पर ही बनी होने जानकारी मिली है। बीते मानसून सीजन के दौरान धनिया के तीनों प्रमुख उत्पादक राज्यों के अनेक क्षेत्रों में भारी वर्षा होने और कहीं-कहीं बाढ़ आने की भी खबरें मिली थी। बहरहाल, राजस्थान की रामगंज मंड़ी में धनिया बादामी तथा ईगल हाल ही में 100-150 रुपए मंदी होकर फिलहाल 6300/6400 रुपए और ईगल 6700/6900 रुपए प्रति क्विंटल पर बना हुआ है। बारां मंड़ी में भी यह क्रमश: 6400/6500 रुपए और 6800/6900 रुपए प्रति क्विंटल पर बना होने की सूचना मिली। इससे पूर्व इसमेें करीब 200-300 रुपए की मंदी आई थी। इधर, राजधानी स्थित थोक किराना बाजार में धनिया बादामी हाल ही में 100 रुपए घटकर फिलहाल 8000/8200 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बना हुआ है। इससे पूर्व हाल ही में इसमें इतनी ही तेजी आई थी। गुुजरात में इस प्रमुख किराना जिंस की बुआई में इस बार हुई मामूली वृद्धि को छोडक़र राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में इस प्रमुख किराना जिंस की बिजाई में 25 प्रतिशत की कमी आने की सूचनाएं आ रही हैं। मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 में देश से 633.20 करोड़ रुपए कीमत के 60,323.05 टन धनिए का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी केवल 1,06,623.74 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 948.20 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आगामी दिनों में धनिए में सुस्ती जारी रह सकती है।