अक्टूबर धाकड़ रहा, नवंबर में भी अकड़ बची रही। लेटेस्ट रिपोर्ट कहती हैं कि दिसंबर में पैसेंजर वेहीकल्स की ग्रोथ ट्रेक पर पकड़ बनी रहेगी। फाडा के अनुसार फेस्टिव सीजन के बाद भी डिमांड स्टेबल है और प्राइस कट से कस्टमर फुटफॉल भी बढ़ा है। पैसेंजर वेहीकल सेगमेंट में इन्वेंट्री लेवल घटकर 53-55 दिनों से घटकर 44-46 दिनों पर आ गया। इसका सीधा अर्थ है कि डिमांड में सुधार हो रहा है। कुछ महीने पहले तक पीवी डीलरों के यहां 80 दिन तक की इन्वेंट्री थी। इस ग्रोथ के पीछे कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट और मॉडलों की उपलब्धता में सुधार अहम वजह रही। पीवी सेगमेंट में मारुति सुजुकी ने 39.4 परसेंट मार्केट शेयर के साथ बढ़त बनाए रखी, जबकि महिंद्रा 13.7 परसेंट और टाटा मोटर्स 13.2 परसेंट मार्केट शेयर के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। टू-व्हीलर सेगमेंट में नवंबर में अक्टूबर के मुकाबले सेल्स 19.16 परसेंट गिरकर 25.46 लाख यूनिट्स रह गई। जबकि नवंबर 2024 के मुकाबले टू-व्हीलर सेल्स में 3.10 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई। थ्री-व्हीलर सेगमेंट में सेल्स अक्टूबर के मुकाबले 31.58 परसेंट बढक़र 1.33 लाख यूनिट्स तक पहुंच गई। कमर्शियल वेहीकल सेगमेंट में नवंबर के दौरान सुस्ती दर्ज की गई। खासतौर पर लाइट कमर्शियल वेहीकल (एलसीवी) और मीडियम कमर्शियल वेहीकल कैटेगरी में गिरावट देखने को मिली। हालांकि हेवी कमर्शियल वेहीकल सेगमेंट में सेल्स अक्टूबर के मुकाबले 3.28 परसेंट बढक़र 28,659 यूनिट्स तक पहुंच गई। कुल मिलाकर, नवंबर में कमर्शियल वेहीकल्स की सेल्स 19.94 परसेंट बढक़र 94,935 यूनिट्स तक पहुंच गई। इंफ्रास्ट्रक्चर गतिविधियां, फ्रेट मूवमेंट में तेजी, टूरिज्म, बेहतर मोबिलिटी और सरकारी टेंडर साइकल्स के साथ-साथ जीएसटी रिफॉम्र्स ने इस ग्रोथ को सपोर्ट किया। ग्रामीण इलाकों में सुधरते सेंटिमेंट और मजबूत होते मैक्रो इकोनॉमिक इंडिकेटर से शॉर्ट टर्म के लिए माहौल अनुकूल बना हुआ है। रबी के बुवाई सीजन की मजबूत शुरुआत हुई है। उत्तर और मध्य भारत में सामान्य से ठंडी सर्दी के चलते मोबिलिटी और लॉजिस्टिक्स की जरूरत और बढऩे की संभावना है। फाडा के अनुसार दिसंबर में भी ग्रोथ का यह ट्रेक्शन बना रहने की उम्मीद है। वैसे भी कंपनियां ईयर-एड डिस्काउंट दे रही हैं। पिछले सप्ताह मारुति सुजुकी ने कहा कि नवंबर में उसकी सबसे सस्ती चार स्मॉल कारों की रिटेल सेल्स में सालाना आधार पर 37 परसेंट की ग्रोथ हुई है।
