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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

25-07-2025

सेकंड हैंड (कार) का अपर हैंड

  •  वित्त वर्ष 25 में भारत में करीब 43 लाख पैसेंजर वेहीकल्स बिके थे। पीवी मार्केट स्लोग्रोथ से परेशान है लेकिन प्री-ओन्ड मार्केट में 8-10 परसेंट की ग्रोथ का अनुमान है। क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में वित्त वर्ष 26 में यूज्ड कार मार्केट 61 लाख यूनिट्स तक पहुंच जाने की संभावना है। वित्त वर्ष 25 में करीब 56 लाख यूज्ड कार बिकी थीं। क्रिसिल का मानना है कि नई कारों की हाल के सालों में जिस तरह से प्राइस बढ़ी है उससे इनकी अफोर्डेबिलिटी घटी है और इसका असर सेल्स में भी दिख रहा है। नई कार अफोर्ड नहीं पा रहे बायर ज्यादा से ज्यादा फस्र्ट कार के लिए यूज्ड कार में कन्वर्ट हो रहे हैं। फिर यूज्ड कार का मार्केट तेजी से ऑर्गेनाइज होने के कारण अब इनकी पूरी प्रॉसेस डिजिटल होने के साथ ही फाइनेंस भी आसानी से मिलने लगा है। यानी पिछले सालों में यूज्ड कार कंपनियों ने कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने पर बड़ा इंवेस्टमेंट किया है। नतीजा नई के मुकाबले यूज्ड कारों की सेल्स पांच साल में 1.4 गुना हो गई और यूज्ड कार मार्केट में न्यू वेहीकल के मुकाबले करीब दोगुनी ग्रोथ हो रही है। क्रिसिल के अनुसार भारत में करीब 4 लाख करोड़ रुपये (वैल्यू) की यूज्ड कार बिकती हैं और इस मामले में भी ये न्यू कार मार्केट की कुल सेल्स के बराबर पहुंच गई हैं। लेकिन रीकंडिशनिंग, लॉजिस्टिक्स, वर्किंग कैपिटल की कॉस्ट आदि ज्यादा होने के कारण ज्यादातर प्री-ओन्ड कार कंपनियों को घाटा उठाना पड़ रहा है। लेकिन चालू वर्ष और अगले वर्ष में इनके रेवेन्यू में तेज ग्रोथ होने का अनुमान है जिससे ऑपरेटिंग लेवल पर ब्रेक-ईवन की संभावना है। क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2017 से 2024 के बीच सेकंड हैंड कारों की सेल्स केवल 5 परसेंट सीएजीआर से बढ़ी थी, लेकिन पिछले वर्ष यह ग्रोथ लगभग 8 परसेंट रही, और इस वर्ष यह 10 परसेंट तक पहुंचने का अनुमान है। इनके उलट न्यू कार सेल्स चालू वर्ष में करीब 2 परसेंट ही बढ़ पाएगी। क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर अनुज सेठी कहते हैं 100 नई के मुकाबले 140 यूज्ड कार बिकने का सीधा अर्थ है कि कस्टमर का इन पर कॉन्फिडेंस तेजी से बढ़ रहा है। कार की औसत लाइफ घटकर 3.7 साल रह जाने के कारण यूज्ड कार मार्केट में इंवेंट्री बहुत आ रही है। भारत में जहां नई के मुकाबले यूज्ड कार मार्केट 1.4 गुना है वहीं अमेरिका में 2.5 गुना, यूनाइटेड किंगडम 4.0 गुना, जर्मनी 2.6 गुना और फ्रांस में 3.0 गुना है।  रिपोर्ट के अनुसार कोविड के दौरान जब कार प्रॉडक्शन घट गया था तब भी यूज्ड कारों की सेल्स स्थिर बनी रही। साथ ही फस्र्ट टाइम कार बायर के लिए अब यूज्ड कार की रेंज बहुत बड़ी हो गई है।

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सेकंड हैंड (कार) का अपर हैंड

 वित्त वर्ष 25 में भारत में करीब 43 लाख पैसेंजर वेहीकल्स बिके थे। पीवी मार्केट स्लोग्रोथ से परेशान है लेकिन प्री-ओन्ड मार्केट में 8-10 परसेंट की ग्रोथ का अनुमान है। क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में वित्त वर्ष 26 में यूज्ड कार मार्केट 61 लाख यूनिट्स तक पहुंच जाने की संभावना है। वित्त वर्ष 25 में करीब 56 लाख यूज्ड कार बिकी थीं। क्रिसिल का मानना है कि नई कारों की हाल के सालों में जिस तरह से प्राइस बढ़ी है उससे इनकी अफोर्डेबिलिटी घटी है और इसका असर सेल्स में भी दिख रहा है। नई कार अफोर्ड नहीं पा रहे बायर ज्यादा से ज्यादा फस्र्ट कार के लिए यूज्ड कार में कन्वर्ट हो रहे हैं। फिर यूज्ड कार का मार्केट तेजी से ऑर्गेनाइज होने के कारण अब इनकी पूरी प्रॉसेस डिजिटल होने के साथ ही फाइनेंस भी आसानी से मिलने लगा है। यानी पिछले सालों में यूज्ड कार कंपनियों ने कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने पर बड़ा इंवेस्टमेंट किया है। नतीजा नई के मुकाबले यूज्ड कारों की सेल्स पांच साल में 1.4 गुना हो गई और यूज्ड कार मार्केट में न्यू वेहीकल के मुकाबले करीब दोगुनी ग्रोथ हो रही है। क्रिसिल के अनुसार भारत में करीब 4 लाख करोड़ रुपये (वैल्यू) की यूज्ड कार बिकती हैं और इस मामले में भी ये न्यू कार मार्केट की कुल सेल्स के बराबर पहुंच गई हैं। लेकिन रीकंडिशनिंग, लॉजिस्टिक्स, वर्किंग कैपिटल की कॉस्ट आदि ज्यादा होने के कारण ज्यादातर प्री-ओन्ड कार कंपनियों को घाटा उठाना पड़ रहा है। लेकिन चालू वर्ष और अगले वर्ष में इनके रेवेन्यू में तेज ग्रोथ होने का अनुमान है जिससे ऑपरेटिंग लेवल पर ब्रेक-ईवन की संभावना है। क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2017 से 2024 के बीच सेकंड हैंड कारों की सेल्स केवल 5 परसेंट सीएजीआर से बढ़ी थी, लेकिन पिछले वर्ष यह ग्रोथ लगभग 8 परसेंट रही, और इस वर्ष यह 10 परसेंट तक पहुंचने का अनुमान है। इनके उलट न्यू कार सेल्स चालू वर्ष में करीब 2 परसेंट ही बढ़ पाएगी। क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर अनुज सेठी कहते हैं 100 नई के मुकाबले 140 यूज्ड कार बिकने का सीधा अर्थ है कि कस्टमर का इन पर कॉन्फिडेंस तेजी से बढ़ रहा है। कार की औसत लाइफ घटकर 3.7 साल रह जाने के कारण यूज्ड कार मार्केट में इंवेंट्री बहुत आ रही है। भारत में जहां नई के मुकाबले यूज्ड कार मार्केट 1.4 गुना है वहीं अमेरिका में 2.5 गुना, यूनाइटेड किंगडम 4.0 गुना, जर्मनी 2.6 गुना और फ्रांस में 3.0 गुना है।  रिपोर्ट के अनुसार कोविड के दौरान जब कार प्रॉडक्शन घट गया था तब भी यूज्ड कारों की सेल्स स्थिर बनी रही। साथ ही फस्र्ट टाइम कार बायर के लिए अब यूज्ड कार की रेंज बहुत बड़ी हो गई है।


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