पिछले साल चीन में 1.28 करोड़ पैंसेजर एनईवी (न्यू एनर्जी वेहीकल) बिके थे। जिनमें 60 परसेंट ईवी और 40 परसेंट हाइब्रिड्स थे। एनईवी में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वेहीकल्स को शामिल किया जाता है। इनके अलावा 5.46 लाख न्यू एनर्जी कमर्शियल वेहीकल्स की भी सेल्स हुई थी। एक और देश में इलेक्ट्रिक हैवी ट्रक्स की सेल्स तेजी से बढ़ रही है। लेकिन इनका बड़ा कोलेटरल डैमेज डीजल की डिमांड को हो रहा है। ईवी ट्रक की सेल्स में हाई ग्रोथ और एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) ट्रक्स के बढ़ते चलने के कारण भी डीजल सेल्स पर प्रेशर पड़ रहा है। एनर्जी शिफ्ट के साथ ही स्लो इकोनॉमिक ग्रोथ का भी असर है। कंसल्टिंग फर्म सबलाइम चाइना इंफॉर्मेशन के अनुसार, इस साल की पहली छमाही में चीन में एनईवी ट्रक्स की सेल्स 175 परसेंट बढक़र 76,100 यूनिट तक पहुंच गई, जो कुल न्यू ट्रक सेल्स का करीब 25 परसेंट है। इनमें 90 परसेंट से भी ज्यादा ईवी ट्रक हैं जो आमतौर पर पोर्ट्स, माइन्स और स्टील मिल्स में शॉर्ट डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट के लिए इस्तेमाल होते हैं। डीजल डिमांड में उभरे इस नए ट्रेंड से एनेलिस्ट चौंक रहे हैं और डिमांड आउटलुक घटाने लगे हैं। चर्चा यहां तक है कि वे पीक ऑइल की तारीख को भी पहले (प्रीपोन) करने पर विचार करने लगे हैं। सबलाइम चाइना इंफॉर्मेशन के एनेलिस्ट शु लेई ने कहा कि एनीवी ट्रक्स की सेल्स में बूम को देखते हुए डीजल डिमांड के आउटलुक को 1-2 परसेंट घटा दिया है। ग्रीन ट्र्क्स अब पीक ऑइल का बड़ा ट्रिगर बन रहे हैं। रिसटैड एनर्जी के वाइस प्रेसिडेंट ये लिन ने कहा पहले 2026 में पीकऑइल की उम्मीद थी। चीन में डीजल की दो-तिहाई डिमांड ट्रांसपोर्ट सैक्टर से आती है। वर्ष 2030 तक ट्रांसपोर्ट सैक्टर में डीजल कंजम्पशन 40 परसेंट घट जाएगा। इस साल डीजल कंजम्पशन में 11.3 मिलियन टन (या 6.3 परसेंट) की कमी आएगी। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो जाने के कारण 2 हजार किमी के रूट पर भी ईवी ट्रक चलने लगे हैं। फास्ट चार्जर से ट्रक को चार्ज करने में 90 मिनट लगते हैं। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर ईवी ट्रक के पावरहाउस बायर के रूप में सामने आ रहे हैं। ईवी चार्जिंग स्टेशन चलाने वाली कंपनी टेल्ड ने चीन में 2,400 से अधिक ट्रक चार्जिंग स्टेशन बनाए हैं और मार्च में शांक्सी और शानडोंग को जोडऩे वाला 800 किमी लंबा ईवी कॉरिडोर खोला। चीन सरकार जुलाई 2023 से नए इलेक्ट्रिक ट्रक पर 13264 डॉलर करीब 11.50 लाख रुपये की सब्सिडी दे रही है। फिर बिजली तो चीन में बहुत सस्ती है ही। जीएल कंसल्टिंग के अनुसार 10 लाख किमी चलने पर डीजल ट्रक की कुल लागत लगभग 2.71 करोड़ रुपये होती है जो एलएनजी ट्रक्स से लगभग 10 परसेंट और ईवी ट्रक से करीब 15 परसेंट ज्यादा है। एससीआई का अनुमान है कि वर्ष 25 की पहली छमाही में देश में करीब 92 हजार एलएनजी ट्रक्स बिके हैं जो पिछले साल से 15 परसेंट कम है। चीन की सीवी कंपनी सानी के वाइस प्रेसिडेंट झाओतिंग यू का मानना है कि दो से तीन वर्ष में नए ट्रक्स की सेल्स में ईवी ट्रक का शेयर 70 से 80 परसेंट तक पहुंच जाएगा।