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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

08-07-2025

जीएसटी में मिडल क्लास को बड़ी राहत देने की तैयारी 12 परसेंट स्लैब वाले आइटम होंगे सस्ते

  •  भारत सरकार मध्यम और निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए जीएसटी की दरों में कटौती के प्लान पर काम कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, टूथपेस्ट, प्रेशर कुकर, जूते, छाते, रसोई के बर्तन, इलेक्ट्रिक आयरन, गीजर, कुछ वॉशिंग मशीन, साइकल, रेडीमेड गारमेंट्स, कृषि उपकरण और टीकों (वैक्सीन) जैसे आइटम्स पर जीएसटी दर घटाने का प्रस्ताव विचार चल रहा है। सरकार या तो वर्तमान 12 परसेंट वाले टैक्स स्लैब को पूरी तरह खत्म करने या कुछ आइटम्स को 5 परसेंट के निचले स्लैब में लाने पर विचार कर रही है। भारत सरकार लगातार मिडल क्लास को राहत देने के प्लान पर काम कर रही है। चालू वित्त वर्ष के बजट में आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर देने बाद अब जीएसटी कटौती के जरिए आर्थिक परेशानियों से घिरे मिडल और लोअर मिडल क्लास को राहत देना चाहती है। रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी दरों में इस कमी से सरकार को करीब 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी संकेत दिया था कि कुछ कंज्यूमर गुड्स पर जीएसटी दरों में कमी लाई जा सकती है। हालांकि, केंद्र सरकार कोई एकतरफा निर्णय नहीं ले सकती। जीएसटी दरों में किसी भी बदलाव के लिए जीएसटी काउंसिल की मंजूरी आवश्यक है। माना जा रहा है जुलाई के आखिर में जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक बुलाई जा सकती है।

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जीएसटी में मिडल क्लास को बड़ी राहत देने की तैयारी 12 परसेंट स्लैब वाले आइटम होंगे सस्ते

 भारत सरकार मध्यम और निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए जीएसटी की दरों में कटौती के प्लान पर काम कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, टूथपेस्ट, प्रेशर कुकर, जूते, छाते, रसोई के बर्तन, इलेक्ट्रिक आयरन, गीजर, कुछ वॉशिंग मशीन, साइकल, रेडीमेड गारमेंट्स, कृषि उपकरण और टीकों (वैक्सीन) जैसे आइटम्स पर जीएसटी दर घटाने का प्रस्ताव विचार चल रहा है। सरकार या तो वर्तमान 12 परसेंट वाले टैक्स स्लैब को पूरी तरह खत्म करने या कुछ आइटम्स को 5 परसेंट के निचले स्लैब में लाने पर विचार कर रही है। भारत सरकार लगातार मिडल क्लास को राहत देने के प्लान पर काम कर रही है। चालू वित्त वर्ष के बजट में आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर देने बाद अब जीएसटी कटौती के जरिए आर्थिक परेशानियों से घिरे मिडल और लोअर मिडल क्लास को राहत देना चाहती है। रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी दरों में इस कमी से सरकार को करीब 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी संकेत दिया था कि कुछ कंज्यूमर गुड्स पर जीएसटी दरों में कमी लाई जा सकती है। हालांकि, केंद्र सरकार कोई एकतरफा निर्णय नहीं ले सकती। जीएसटी दरों में किसी भी बदलाव के लिए जीएसटी काउंसिल की मंजूरी आवश्यक है। माना जा रहा है जुलाई के आखिर में जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक बुलाई जा सकती है।


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