डेस्परेट ट्रंप ने अब खोली मुट्ठी। कुछ सप्ताह पहले करीब-करीब फंस चुकी ट्रेड डील अब करीब-करीब तैयार है। वो कहते हैं ना लो हैंगिंग फ्रूट्स....यानी जो काम आसानी से हो रहा है वो पहले कर लो...। भारत और अमेरिका ट्रेड डील को लेकर लो हैंगिंग फ्रूट्स पर ही काम कर रहे हैं। लेटेस्ट रिपोर्ट कहती हैं कि मिनी डील पर सहमति बनने के करीब है और इसी सप्ताह इसकी घोषणा कर दी जाएगी। पेन पॉइंट्स (जटिल मुद्दे) पर बाद में चर्चा होती रहेगी। इस रोडमैप पर भारत और अमेरिका दोनों में सहमति बन गई बताई जा रही है और एग्रीकल्चर, डेयरी और पॉल्ट्री इंपोर्ट को छोडक़र बाकी मुद्दों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। रिपोर्ट कहती हैं कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील में भारत के पास चीन के मुकाबले 20 परसेंट का टैरिफ एडवांटेज रहेगा। कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) के अध्यक्ष राजीव मेमानी के अनुसार दोनों देशों का फोकस ऐसे सैक्टर्स पर है जहां तुरंत फायदा मिल सकता है। ऐसे में राजनीतिक और आर्थिक रूप से पेचीदा मुद्दों पर में फैसला किया जाएगा। मेमानी ने कहा कि सरकार और ट्रेड फोरम्स में लगातार संपर्क बना हुआ है। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत की उद्योग जगत से जुड़ी चुनौतियों का समाधान इस समझौते में किया जाएगा। हम यह नहीं कह सकते कि ट्रेड डील में सभी स्टेकहोल्डर्स को 100 परसेंट फायदा होगा लेकिन यह एक चरणबद्ध प्रक्रिया है। जिन सैक्टर में राजनीतिक जोखिम अधिक है, उन्हें बाद में सुलझाया जाएगा। मेमानी के अनुसार मिनी ट्रेड डील में सीमित टैरिफ रियायतें और मार्केट एक्सैस जैसे आसान मुद्दों को शामिल किया जाएगा। जबकि कृषि और डेयरी जैसे विवादास्पद सैक्टरों पर आगे बात की जाएगी। मिनी ट्रेड डील में अगले चरणों का फ्रेमवर्क तैयार कर लिया गया है और इसी आधार पर अन्य सैक्टर्स पर चर्चा होगी। हालांकि मेमानी ने कहा कि ट्रेड डील की बातचीत के अगले दौर बहुत मुश्किल होंगे क्योंकि इनमें विवाद के मुद्दों को शामिल किया जाएगा।