भारत का पर्सनल कम्यूटर्स (पीसी) का एक्सपोर्ट अप्रैल-अक्टूबर, 2025 में एन्युअल लेवल पर 114.7 प्रतिशत बढक़र 317.6 मिलियन डॉलर हो गया है, जो कि पहले समान अवधि में 147.9 मिलियन डॉलर पर था। यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए डेटा में दी गई। टैरिफ और वैश्वि उतार-चढ़ाव के बीच भी अमेरिका भारत के पीसी एक्सपोर्ट के लिए सबसे बड़ा बाजारों में से एक बना हुआ है। देश का अमेरिका को एक्सपोर्ट गत एक वर्ष में छह गुना बढक़र 37.2 मिलियन डॉलर हो गया है, जो कि एक साल पहले समान अवधि में 5.5 मिलियन डॉलर था। इसकी वजह अमेरिका द्वारा चीन में बने सामान के आयात को हतोत्साहित करने को माना जा रहा है। इसके अलावा यूएई, रूस और अन्य एशियाई देशों जैसे बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों में भारत में बने पीसी की डिमांड बढ़ रही है। यूएई भारत में बने पीसी का सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है। यहां भारतीय पीसी का निर्यात बढक़र 210.1 मिलियन डॉलर हो गया है, जो कि गत वर्ष समान अवधि में 80.8 मिलियन डॉलर था। भारत के पीसी निर्यात में हुई वृद्धि में से लगभग 65 प्रतिशत वृद्धि अकेले यूएई से आई थी। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि पश्चिम एशिया और अफ्रीका के लिए पुनर्निर्यात केंद्र के साथ घरेलू और क्षेत्रीय आईटी मांग में धीरे-धीरे हो रही वृद्धि, संयुक्त अरब अमीरात को भारत के बढ़ते पीसी निर्यात को समर्थन दे रही है। भारत की प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और असेंबली क्षमताएं भी बाजार में इसकी पकड़ मजबूत करने में सहायक हो सकती हैं। वैश्विक उतार-चढ़ाव और अस्थिरता के बीच भारत का प्रदर्शन चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में काफी मजबूत रहा है और इस दौरान देश का निर्यात अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर रहा है।