यात्रियों को रहने और मकान मालिकों को मकान साझा कराने की सुविधा देने वाले ग्लोबल प्लेटफॉर्म एयरबीएनबी ने कहा कि उसने 2024 में भारत में लगभग 1.11 लाख जॉब क्रिएशन करने में मदद की और लगभग 2,400 करोड़ रुपये के वेतन का योगदान दिया। यह देश की पर्यटन और होटल अर्थव्यवस्था में इसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। एयरबीएनबी के भारत में आर्थिक प्रभाव (मई 2025) रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में, भारत में एयरबीएनबी के गेस्ट का खर्च 11,200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिसमें आवास और गैर-आवास दोनों खर्च शामिल हैं। ऑक्सफोर्ड इकॉनमिक्स द्वारा तैयार यह रिपोर्ट, वर्ष 2024 के लिए वैश्विक स्तर पर मकान साझा करने की सुविधा देने वाले मंच के आंकड़ों पर आधारित है। इसके अलावा, रिपोर्ट से पता चलता है कि 2024 में, भारत में एयरबीएनबी मेहमानों में डोमेस्टिक पैसेंजर्स की संख्या लगभग 91 प्रतिशत रही। यह 2019 में लगभग 79 प्रतिशत से अधिक है। रिपोर्ट में भारत को एयरबीएनबी के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक के रूप में स्थान दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल गेस्ट में, सबसे सबसे ज्यादा अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से थे। इसमें कहा गया कि मेहमान भारत में औसतन दो रातें रुकते हैं और भोजन, खुदरा स्टोर और परिवहन जैसी गैर-आवासीय आवश्यक चीजों पर प्रतिदिन 11,000 रुपये खर्च करते हैं। रोजगार के संदर्भ में, रिपोर्ट में कहा गया है कि एयरबीएनबी समर्थित पर्यटन ने ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज में लगभग 38,000, फूड एंड बेवेरेज सर्विस में 19,600, थोक और खुदरा व्यापार में 16,800 और मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में 10,700 जॉब क्रिएशन करने में मदद की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन भूमिकाओं से ठोस वेतन लाभ प्राप्त हुए हैं, जिसमें एयरबीएनबी की गतिविधियों ने परिवहन और भंडारण क्षेत्र में वेतन में लगभग 810 करोड़ रुपये, विनिर्माण वेतन में 290 करोड़ रुपये और रियल एस्टेट क्षेत्र के वेतन में 260 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। एयरबीएनबी इंडिया और दक्षिण पूर्व एशिया के क्षेत्रीय प्रमुख ने कहा कि हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि एयरबीएनबी हमारे मेजबानों और मेहमानों के जीवंत नेटवर्क के माध्यम से भारत की अर्थव्यवस्था में सार्थक योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट से पता चलता है कि कैसे घरेलू यात्रा भारत में पर्यटन का प्राथमिक इंजन बनी हुई है। यह न केवल छोटे उद्योगों को बढ़ावा दे रही है बल्कि संबधित क्षेत्रों को बढ़ावा दे रही है और उभरते और कम-ज्ञात दोनों तरह के स्थलों में छोटे व्यवसायों का समर्थन कर रही है।