TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

18-06-2025

टाटा स्टील का 10-15 साल में रीसाइक्लिंग से 1.5 करोड़ टन प्रोडक्शन करने का टारगेट

  •  टाटा स्टील का लक्ष्य अगले 10-15 साल में पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) से 1-1.5 करोड़ टन का उत्पादन करने का है। कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने यह जानकारी दी। कंपनी भारत और यूरोप में कम कार्बन उत्सर्जन के साथ इस्पात बनाने की प्रौद्योगिकी लागू कर रही है। टाटा स्टील ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत, ब्रिटेन, नीदरलैंड और थाइलैंड में फैली अपनी कुल 3.5 करोड़ टन क्षमता से 3.09 करोड़ टन इस्पात का उत्पादन किया। टाटा स्टील के लिए टिकाऊ व्यवहार के बारे में पूछने पर नरेंद्रन ने कहा कि अगले 10-15 वर्षों में आप देखेंगे कि टाटा स्टील का 1-1.5 करोड़ टन उत्पादन रीसाइक्लिंग से होगा। कंपनी का लक्ष्य भारत में 2030 तक अपनी इस्पात बनाने की क्षमता को चार करोड़ टन तक बढ़ाना है। टाटा स्टील ब्रिटेन के साउथ वेल्स में स्थित अपने 30 लाख टन सालाना (एमटीपीए) क्षमता वाले संयंत्र में ब्लास्ट फर्नेस स्टील बनाने से स्के्रप-आधारित इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (ईएएफ) बनाने की ओर आगे बढ़ रही है। नरेंद्रन ने आगे कहा कि टाटा स्टील ने कुछ साल पहले दिल्ली के पास एक पुनर्चक्रण संयंत्र स्थापित किया है। लुधियाना में स्थापित की जा रही 7.5 लाख टन की पुनर्चक्रण आधारित इस्पात विनिर्माण इकाई चालू वित्त वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में हमने ब्लास्ट फर्नेस बंद कर दिए हैं और हम इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस बना रहे हैं। नीदरलैंड में, हम ऐसे कदम उठाने के लिए वहां की सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। इसलिए, 2035 तक हमारे पास यूरोप में कोई भी ब्लास्ट फर्नेस नहीं होगा। इसकी जगह कंपनी वैकल्पिक हरित प्रक्रिया से उत्पादन को बढ़ावा देगी।

Share
टाटा स्टील का 10-15 साल में रीसाइक्लिंग से 1.5 करोड़ टन प्रोडक्शन करने का टारगेट

 टाटा स्टील का लक्ष्य अगले 10-15 साल में पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) से 1-1.5 करोड़ टन का उत्पादन करने का है। कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने यह जानकारी दी। कंपनी भारत और यूरोप में कम कार्बन उत्सर्जन के साथ इस्पात बनाने की प्रौद्योगिकी लागू कर रही है। टाटा स्टील ने वित्त वर्ष 2024-25 में भारत, ब्रिटेन, नीदरलैंड और थाइलैंड में फैली अपनी कुल 3.5 करोड़ टन क्षमता से 3.09 करोड़ टन इस्पात का उत्पादन किया। टाटा स्टील के लिए टिकाऊ व्यवहार के बारे में पूछने पर नरेंद्रन ने कहा कि अगले 10-15 वर्षों में आप देखेंगे कि टाटा स्टील का 1-1.5 करोड़ टन उत्पादन रीसाइक्लिंग से होगा। कंपनी का लक्ष्य भारत में 2030 तक अपनी इस्पात बनाने की क्षमता को चार करोड़ टन तक बढ़ाना है। टाटा स्टील ब्रिटेन के साउथ वेल्स में स्थित अपने 30 लाख टन सालाना (एमटीपीए) क्षमता वाले संयंत्र में ब्लास्ट फर्नेस स्टील बनाने से स्के्रप-आधारित इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस (ईएएफ) बनाने की ओर आगे बढ़ रही है। नरेंद्रन ने आगे कहा कि टाटा स्टील ने कुछ साल पहले दिल्ली के पास एक पुनर्चक्रण संयंत्र स्थापित किया है। लुधियाना में स्थापित की जा रही 7.5 लाख टन की पुनर्चक्रण आधारित इस्पात विनिर्माण इकाई चालू वित्त वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में हमने ब्लास्ट फर्नेस बंद कर दिए हैं और हम इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस बना रहे हैं। नीदरलैंड में, हम ऐसे कदम उठाने के लिए वहां की सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। इसलिए, 2035 तक हमारे पास यूरोप में कोई भी ब्लास्ट फर्नेस नहीं होगा। इसकी जगह कंपनी वैकल्पिक हरित प्रक्रिया से उत्पादन को बढ़ावा देगी।


Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news