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06-06-2025

डोमेस्टिक ट्यूरिस्ट बढऩे से ट्यूरिज्म सेक्टर 2035 तक हो सकता है 42 लाख करोड़ रुपए का

  •  देश के ट्रेवल और ट्यूरिज्म सेक्टर का योगदान देश की इकोनॉमी में वर्ष 2035 तक बढक़र 42 लाख करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान है। वल्र्ड ट्रेवल एंड ट्यूरिज्म काउंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि देश को प्रतिस्पर्धी बने रहने और इस सेक्टर की विकास की गति को बनाए रखने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और डेस्टीनेशन मार्केटिंग में अधिक निवेश करने की आवश्यकता है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में इंटरनेशनल ट्रेवलर्स द्वारा देश में किया जाने वाला स्पेंड प्री-कोविड स्तर को पीछे छोड़ते हुए ऑल-टाइम हाई 3.1 लाख करोड़ रुपए रहा था। इस दौरान डोमेस्टिक ट्रेवलर्स ने करीब 15.5 लाख करोड़ रुपए खर्च किए थे, जो कि 2019 के मुकाबले 22 प्रतिशत अधिक है। इसके अतिरिक्त, डब्ल्यूटीटीसी की ओर से बताया गया कि भारत के ट्रेवल और ट्यूूरिज्म सेक्टर में 2035 तक जॉब्ज की संख्या बढक़र 6.4 करोड़ तक पहुंच जाएगी, जो कि फिलहाल 4.65 करोड़ पर है। हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में सीआईआई ‘एनुअल बिजनेस समिट 2025’ में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा था कि ग्लोबल इकोनॉमी में 10 प्रतिशत योगदान ट्यूरिज्म सेक्टर का होता है। मुझे यकीन है कि ग्लोबल पैरामीटर के तहत 2030 तक हमारा पर्यटन क्षेत्र भी देश की जीडीपी में 10 प्रतिशत का योगदान देगा। हम इस विजन पर तेजी से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के ट्यूूरिज्म सेक्टर को प्रमोट करने और ग्लोबल लेवल पर देश की क्षमता को बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्रिएशन पहली जरूरत थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सडक़ें, एक्सप्रेसवे और डेढ़ लाख किलोमीटर के हाइवे बने, नया मॉडर्न रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ। नए एयरपोर्ट्स बने। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, अभी भी बहुत से काम किए जाने बाकी हैं। फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। भविष्य में 3,000 एयरक्राफ्ट्स आने वाले हैं। एयरक्राफ्ट्स की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदल रहा है।

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डोमेस्टिक ट्यूरिस्ट बढऩे से ट्यूरिज्म सेक्टर 2035 तक हो सकता है 42 लाख करोड़ रुपए का

 देश के ट्रेवल और ट्यूरिज्म सेक्टर का योगदान देश की इकोनॉमी में वर्ष 2035 तक बढक़र 42 लाख करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान है। वल्र्ड ट्रेवल एंड ट्यूरिज्म काउंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में बताया गया कि देश को प्रतिस्पर्धी बने रहने और इस सेक्टर की विकास की गति को बनाए रखने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और डेस्टीनेशन मार्केटिंग में अधिक निवेश करने की आवश्यकता है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में इंटरनेशनल ट्रेवलर्स द्वारा देश में किया जाने वाला स्पेंड प्री-कोविड स्तर को पीछे छोड़ते हुए ऑल-टाइम हाई 3.1 लाख करोड़ रुपए रहा था। इस दौरान डोमेस्टिक ट्रेवलर्स ने करीब 15.5 लाख करोड़ रुपए खर्च किए थे, जो कि 2019 के मुकाबले 22 प्रतिशत अधिक है। इसके अतिरिक्त, डब्ल्यूटीटीसी की ओर से बताया गया कि भारत के ट्रेवल और ट्यूूरिज्म सेक्टर में 2035 तक जॉब्ज की संख्या बढक़र 6.4 करोड़ तक पहुंच जाएगी, जो कि फिलहाल 4.65 करोड़ पर है। हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी में सीआईआई ‘एनुअल बिजनेस समिट 2025’ में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा था कि ग्लोबल इकोनॉमी में 10 प्रतिशत योगदान ट्यूरिज्म सेक्टर का होता है। मुझे यकीन है कि ग्लोबल पैरामीटर के तहत 2030 तक हमारा पर्यटन क्षेत्र भी देश की जीडीपी में 10 प्रतिशत का योगदान देगा। हम इस विजन पर तेजी से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के ट्यूूरिज्म सेक्टर को प्रमोट करने और ग्लोबल लेवल पर देश की क्षमता को बढ़ाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्रिएशन पहली जरूरत थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सडक़ें, एक्सप्रेसवे और डेढ़ लाख किलोमीटर के हाइवे बने, नया मॉडर्न रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ। नए एयरपोर्ट्स बने। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, अभी भी बहुत से काम किए जाने बाकी हैं। फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है। भविष्य में 3,000 एयरक्राफ्ट्स आने वाले हैं। एयरक्राफ्ट्स की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदल रहा है।


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