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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

24-10-2025

ऑनलाइन सेल्स की त्योहारों पर डिपेंडेंस घटी

  •  देश में ऑनलाइन खरीदारी की आदतें अब धीरे-धीरे त्योहारी मौसम पर कम निर्भर होती जा रही हैं लेकिन इस दौरान मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स श्रेणियों में बिक्री अब भी सबसे अधिक हुई है। एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष पेश किया गया है। परामर्शदाता कंपनी रेडसीर की तरफ से जारी रिपोर्ट कहती है कि भारत का ऑनलाइन खुदरा क्षेत्र अब पूरे वर्ष में अधिक संतुलित मांग की राह पर बढ़ रहा है। इसके बावजूद मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी श्रेणियां अब भी वार्षिक त्योहारी उछाल पर निर्भर हैं। रेडसीर ने कहा, ‘‘भारत का ऑनलाइन खुदरा परिदृश्य धीरे-धीरे संतुलित मांग वक्र की ओर बढ़ रहा है। लेकिन त्योहारों के दौरान अब भी मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स ही बिक्री की रफ्तार तय करते हैं।’’ रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल खंड में त्योहारी मौसम से जुड़ा उतार-चढ़ाव सबसे अधिक है, जिसका ‘मौसमी सूचकांक अंतराल’ 1.7 रहा। वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद 1.3 के साथ दूसरे स्थान पर रहे।  इन दोनों श्रेणियों की मांग सितंबर-अक्टूबर के महीनों में सबसे अधिक रहती है। मोबाइल फोन का मासिक सूचकांक 2.3 के करीब है जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स का 2.0 के आसपास पहुंचता है। रिपोर्ट कहती है कि विभिन्न ब्रांड को त्योहारी समय पर अपनी निर्भरता घटाने के लिए कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही जैसे सुस्त बिक्री समय में विशेष उत्पादों की पेशकश या प्रचार अभियान शुरू करने पर ध्यान देना चाहिए। राशन के सामान, सौंदर्य उत्पाद और व्यक्तिगत देखभाल वाली श्रेणियों को ऑनलाइन बिक्री के लिहाज से सबसे स्थिर बताया गया है क्योंकि इनमें सालभर मांग लगभग समान रहती है। यह कम मूल्य वाले, बार-बार खरीदे जाने वाले उत्पादों की विशेषता है। वहीं, घरेलू साज-सज्जा एवं फर्नीचर के साथ फैशन श्रेणियां मध्यम मौसमी प्रवृत्ति दिखाती हैं, जिनमें त्योहारी महीनों में उछाल तो आता है, पर इनमें उतार-चढ़ाव उतना अधिक नहीं होता है। रेडसीर ने कहा कि भारत में ऑनलाइन खुदरा कारोबार धीरे-धीरे त्योहारों के समय की चरम स्थिति से बाहर निकल रहा है। भविष्य में वही कंपनियां बाजार की अग्रणी होंगी जो न केवल त्योहारी उच्च मांग को कुशलता से संभाल सकेंगी, बल्कि सुस्त महीनों में भी मांग पैदा कर सकेंगी। रिपोर्ट कहती है, ‘‘ऑनलाइन खुदरा मंचों को जरूरी क्षेत्रों की स्थिरता का उपयोग करके लगातार मांग बनाए रखनी चाहिए ताकि अचानक चरम की स्थिति में परिचालन दबाव कम हो सके।’’

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ऑनलाइन सेल्स की त्योहारों पर डिपेंडेंस घटी

 देश में ऑनलाइन खरीदारी की आदतें अब धीरे-धीरे त्योहारी मौसम पर कम निर्भर होती जा रही हैं लेकिन इस दौरान मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स श्रेणियों में बिक्री अब भी सबसे अधिक हुई है। एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष पेश किया गया है। परामर्शदाता कंपनी रेडसीर की तरफ से जारी रिपोर्ट कहती है कि भारत का ऑनलाइन खुदरा क्षेत्र अब पूरे वर्ष में अधिक संतुलित मांग की राह पर बढ़ रहा है। इसके बावजूद मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी श्रेणियां अब भी वार्षिक त्योहारी उछाल पर निर्भर हैं। रेडसीर ने कहा, ‘‘भारत का ऑनलाइन खुदरा परिदृश्य धीरे-धीरे संतुलित मांग वक्र की ओर बढ़ रहा है। लेकिन त्योहारों के दौरान अब भी मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स ही बिक्री की रफ्तार तय करते हैं।’’ रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल खंड में त्योहारी मौसम से जुड़ा उतार-चढ़ाव सबसे अधिक है, जिसका ‘मौसमी सूचकांक अंतराल’ 1.7 रहा। वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद 1.3 के साथ दूसरे स्थान पर रहे।  इन दोनों श्रेणियों की मांग सितंबर-अक्टूबर के महीनों में सबसे अधिक रहती है। मोबाइल फोन का मासिक सूचकांक 2.3 के करीब है जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स का 2.0 के आसपास पहुंचता है। रिपोर्ट कहती है कि विभिन्न ब्रांड को त्योहारी समय पर अपनी निर्भरता घटाने के लिए कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही जैसे सुस्त बिक्री समय में विशेष उत्पादों की पेशकश या प्रचार अभियान शुरू करने पर ध्यान देना चाहिए। राशन के सामान, सौंदर्य उत्पाद और व्यक्तिगत देखभाल वाली श्रेणियों को ऑनलाइन बिक्री के लिहाज से सबसे स्थिर बताया गया है क्योंकि इनमें सालभर मांग लगभग समान रहती है। यह कम मूल्य वाले, बार-बार खरीदे जाने वाले उत्पादों की विशेषता है। वहीं, घरेलू साज-सज्जा एवं फर्नीचर के साथ फैशन श्रेणियां मध्यम मौसमी प्रवृत्ति दिखाती हैं, जिनमें त्योहारी महीनों में उछाल तो आता है, पर इनमें उतार-चढ़ाव उतना अधिक नहीं होता है। रेडसीर ने कहा कि भारत में ऑनलाइन खुदरा कारोबार धीरे-धीरे त्योहारों के समय की चरम स्थिति से बाहर निकल रहा है। भविष्य में वही कंपनियां बाजार की अग्रणी होंगी जो न केवल त्योहारी उच्च मांग को कुशलता से संभाल सकेंगी, बल्कि सुस्त महीनों में भी मांग पैदा कर सकेंगी। रिपोर्ट कहती है, ‘‘ऑनलाइन खुदरा मंचों को जरूरी क्षेत्रों की स्थिरता का उपयोग करके लगातार मांग बनाए रखनी चाहिए ताकि अचानक चरम की स्थिति में परिचालन दबाव कम हो सके।’’


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