यूबीएस की लेटेस्ट बिलियनेयर एम्बिशन्स रिपोर्ट के अनुसार, बिलिनेयर्स के जीवनसाथियों और बच्चों को वर्ष 2025 में पिछले दस वर्ष के मुकाबले सबसे ज्यादा दौलत मिली है। इस स्विस बैंक के अनुसार, अप्रैल तक के 12 महीनों में, 91 लोग विरासत के जरिए बिलिनेयर बने, जिन्हें कुल मिलाकर 298 बिलियन डॉलर के असैट्स मिले। यह राशि 2024 की तुलना में एक-तिहाई से भी ज्यादा की ग्रोथ दिखाती है। यूबीएस के कार्यकारी बेंजामिन कावली ने कहा, इनहेरिटेंस यानी एक जेनरेशन से दूसरी जेनरेशन को असैट्स ट्रांसफर बहुत तेज हो रहा है। यह रिपोर्ट यूबीएस के कुछ अल्ट्रा-रिच क्लाइंट्स के बीच किए गए सर्वे और डेटाबेस पर आधारित है। यूबीएस दुनिया के सभी क्षेत्रों के 47 देशों के बिलिनेयर्स के असैट्स को लगातार रिव्यू करता है। बैंक के अनुमान के मुताबिक अगले 15 वर्ष में बिलिनेयर्स के बच्चों को कम से कम 5.9 ट्रिलियन डॉलर विरासत में मिलेंगे। यूबीएस का अनुमान है कि इसमें सबसे ज्यादा फायदा अमेरिका में नई जेनरेशन को होगा। अमेरिका के अलावा सबसे ज्यादा विरासत का हस्तांतरण (इनहेरिटेंस ट्रांसफर) भारत, फ्रांस, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में होगा। हालांकि, दुनिया का बिलिनेयर सीनारियो बहुत तेजी से बदल रहा है और इसमें बड़ी संख्या में युवा शामिल हो रहे हैं। ऐसे में आने वाले सालों इनहेरिटेंस ट्रांसफर की यह रफ्तार घट सकती है। साथ ही दुनियाभर के सुपररिच में बेहतर लाइफस्टाइल की तलाश, भू-राजनीतिक चिंता और कई देशों में वेल्थ टेक्स लगाने की मुहिम से पलायन बढ़ रहा है। स्विट्जरलैंड ने पिछले सप्ताह ही विरासत संपत्ति पर 50 परसेंट वेल्थ टेक्स के प्रस्ताव को खारिज किया है। इस देश में अगले 15 वर्ष में 206 बिलियन डॉलर विरासत में मिलेंगे। आश्चर्यजनक रूप से इस रिपोर्ट में चीन के बिलिनेयर बहुत पीछे हैं क्योंकि चीन में बिलिनेयर आमतौर युवा हैं।