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06-08-2025

अप्रेल-जून 2025 क्वार्टर आईपीओ में जमकर इंवेस्ट कर रहे हैं म्यूचुअल फंड्स

  •  भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग ने नई सूचीबद्ध कंपनियों में मजबूत भागीदारी दिखाई है। मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में हाल ही में जारी आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) में कुल निवेश 5,294 करोड़ रुपए से अधिक रहा। स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म वेंचुरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इनमें से ज्यादातर नई कंपनियां स्मॉल-कैप कैटेगरी में आती हैं और केवल एक को मिडकैप कैटेगरी में रखा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, स्मॉल-कैप आईपीओ में, म्यूचुअल फंड हाउसों ने इस तिमाही के दौरान एथर एनर्जी में 1,351 करोड़ रुपए, श्लॉस बैंगलोर में 679 करोड़ रुपए, एजिस वोपाक टर्मिनल्स में 495 करोड़ रुपए, बेलरिस इंडस्ट्रीज में 398 करोड़ रुपए, ओसवाल पंप्स में 387 करोड़ रुपए, एलेनबैरी इंडस्ट्रियल गैसेस में 357 करोड़ रुपए, कल्पतरु में 241 करोड़ रुपए और संभव स्टील ट्यूब्स में 55 करोड़ रुपए का निवेश किया है। फंड हाउसों ने एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के आईपीओ के लिए 1,331 करोड़ रुपए आवंटित किए, जो एक मिडकैप कंपनी थी। इस बीच, जनवरी-मार्च तिमाही के लिए शीर्ष 20 एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) (एसेट अंडर मैनेजमेंट के आधार पर) की शीर्ष 335 इक्विटी योजनाओं में से 90 प्रतिशत योजनाओं ने निफ्टी 50 टीआरआई से बेहतर प्रदर्शन किया, जो इस अवधि के दौरान सूचकांक के अपेक्षाकृत कम प्रदर्शन को दर्शाता है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल 41 प्रतिशत योजनाओं ने ही अपनी-अपनी श्रेणी के बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया।

    रिपोर्ट के अनुसार, बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन के मामले में इन्वेस्को म्यूचुअल फंड सबसे आगे रहा, जहां 16 में से 13 योजनाओं ने बेहतर प्रदर्शन किया, जो प्रतिस्पर्धियों के बीच सबसे अधिक सफलता दर है। इस बीच, मिराए, कोटक, निप्पॉन, एडलवाइस, केनरा रोबेको और आदित्य बिड़ला एसएल म्यूचुअल फंड की सभी इक्विटी योजनाओं ने निफ्टी को पीछे छोड़ दिया, जिससे सभी पोर्टफोलियो में लगातार अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला। रिपोर्ट के अनुसार, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड और आदित्य बिड़ला एसएल म्यूचुअल फंड जैसे बड़े फंड हाउसों में निफ्टी के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने वाली योजनाओं की कुल संख्या सबसे अधिक थी, लेकिन बेंचमार्क का बेहतर प्रदर्शन मध्यम आकार के फंडों में अधिक फैला हुआ रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मॉल-कैप फंडों में एयूएम में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो सभी कैटेगरी में सबसे अधिक है। यह तेज वृद्धि एक महत्वपूर्ण उलटफेर का संकेत है, क्योंकि स्मॉल-कैप फंड पिछली तिमाही की रैंकिंग में सबसे निचले पायदान से ऊपर चढक़र शीर्ष स्थान पर पहुंच गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मिड-कैप ने 17 प्रतिशत और मल्टी-कैप 16.5 प्रतिशत के साथ फंडों ने भी मजबूत वृद्धि दर्ज की, जो व्यापक बाजार में तेजी और लार्ज-कैप नामों से परे विविध निवेश में बढ़ती रुचि को दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कैटेगरी में एयूएम में वृद्धि दर्शाती है कि अनुकूल मूल्यांकन, बेहतर आय संभावना और घरेलू खुदरा निवेशकों से मजबूत प्रवाह के कारण निवेशक बेहतर रिटर्न की तलाश में मार्केट-कैप कर्व से नीचे जाने को तैयार हैं।

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अप्रेल-जून 2025 क्वार्टर आईपीओ में जमकर इंवेस्ट कर रहे हैं म्यूचुअल फंड्स

 भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग ने नई सूचीबद्ध कंपनियों में मजबूत भागीदारी दिखाई है। मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में हाल ही में जारी आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) में कुल निवेश 5,294 करोड़ रुपए से अधिक रहा। स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म वेंचुरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इनमें से ज्यादातर नई कंपनियां स्मॉल-कैप कैटेगरी में आती हैं और केवल एक को मिडकैप कैटेगरी में रखा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, स्मॉल-कैप आईपीओ में, म्यूचुअल फंड हाउसों ने इस तिमाही के दौरान एथर एनर्जी में 1,351 करोड़ रुपए, श्लॉस बैंगलोर में 679 करोड़ रुपए, एजिस वोपाक टर्मिनल्स में 495 करोड़ रुपए, बेलरिस इंडस्ट्रीज में 398 करोड़ रुपए, ओसवाल पंप्स में 387 करोड़ रुपए, एलेनबैरी इंडस्ट्रियल गैसेस में 357 करोड़ रुपए, कल्पतरु में 241 करोड़ रुपए और संभव स्टील ट्यूब्स में 55 करोड़ रुपए का निवेश किया है। फंड हाउसों ने एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के आईपीओ के लिए 1,331 करोड़ रुपए आवंटित किए, जो एक मिडकैप कंपनी थी। इस बीच, जनवरी-मार्च तिमाही के लिए शीर्ष 20 एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) (एसेट अंडर मैनेजमेंट के आधार पर) की शीर्ष 335 इक्विटी योजनाओं में से 90 प्रतिशत योजनाओं ने निफ्टी 50 टीआरआई से बेहतर प्रदर्शन किया, जो इस अवधि के दौरान सूचकांक के अपेक्षाकृत कम प्रदर्शन को दर्शाता है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल 41 प्रतिशत योजनाओं ने ही अपनी-अपनी श्रेणी के बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया।

रिपोर्ट के अनुसार, बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन के मामले में इन्वेस्को म्यूचुअल फंड सबसे आगे रहा, जहां 16 में से 13 योजनाओं ने बेहतर प्रदर्शन किया, जो प्रतिस्पर्धियों के बीच सबसे अधिक सफलता दर है। इस बीच, मिराए, कोटक, निप्पॉन, एडलवाइस, केनरा रोबेको और आदित्य बिड़ला एसएल म्यूचुअल फंड की सभी इक्विटी योजनाओं ने निफ्टी को पीछे छोड़ दिया, जिससे सभी पोर्टफोलियो में लगातार अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला। रिपोर्ट के अनुसार, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड और आदित्य बिड़ला एसएल म्यूचुअल फंड जैसे बड़े फंड हाउसों में निफ्टी के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने वाली योजनाओं की कुल संख्या सबसे अधिक थी, लेकिन बेंचमार्क का बेहतर प्रदर्शन मध्यम आकार के फंडों में अधिक फैला हुआ रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मॉल-कैप फंडों में एयूएम में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो सभी कैटेगरी में सबसे अधिक है। यह तेज वृद्धि एक महत्वपूर्ण उलटफेर का संकेत है, क्योंकि स्मॉल-कैप फंड पिछली तिमाही की रैंकिंग में सबसे निचले पायदान से ऊपर चढक़र शीर्ष स्थान पर पहुंच गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मिड-कैप ने 17 प्रतिशत और मल्टी-कैप 16.5 प्रतिशत के साथ फंडों ने भी मजबूत वृद्धि दर्ज की, जो व्यापक बाजार में तेजी और लार्ज-कैप नामों से परे विविध निवेश में बढ़ती रुचि को दर्शाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कैटेगरी में एयूएम में वृद्धि दर्शाती है कि अनुकूल मूल्यांकन, बेहतर आय संभावना और घरेलू खुदरा निवेशकों से मजबूत प्रवाह के कारण निवेशक बेहतर रिटर्न की तलाश में मार्केट-कैप कर्व से नीचे जाने को तैयार हैं।


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