भारत का यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) अब ग्लोबल पेमेंट्स पावरहाउस वीजा के डेली ट्रांजेक्शन वॉल्यूम को पार करने की कगार पर है, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा रिटेल इंटरबैंक पेमेंट सेटलमेंट प्लेटफॉर्म बन जाएगा। यूपीआई पहले ही दुनिया का सबसे बड़ा रिटेल रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम है। 1 जून को यूपीआई पर 64.4 करोड़ और अगले दिन 65 करोड़ ट्रांजेक्शन किए गए। वीजा ने वित्त वर्ष24 में औसत 63.9 करोड़ ट्रांजेक्शन रोजाना प्रॉसेस किए। यूपीआई के औसत डेली ट्रांजेक्शन मई में 60.2 करोड़ थे जबकि वीजा के मार्च तिमाही में औसत डेली ट्रांजेक्शन 67.4 करोड़ थे। मई की शुरुआत में यूपीआई के डेली ट्रांजेक्शन 63 करोड़ थे, जो जून में बढक़र 64-65 करोड़ हो गए। यूपीआई के ट्रांजेक्शन महीने दर महीने औसत 5-7 परसेंट बढ़ रहे हैं जबकि सालाना आधार पर इनमें 40 परसेंट की बढ़ोतरी हो रही है। इसके उलट वीजा की सालाना ग्रोथ रेट लगभग 10 परसेंट है। इन ट्रेंड्स के आधार पर यूपीआई अगले दो से तीन महीनों में वीजा को औसत डेली ट्रांजेक्शन के मामले में पीछे छोड़ सकता है। वीजा का प्रतिद्वंदी मास्टरकार्ड रोजाना करीब 45 करोड़ ट्रांजेक्शन करता है। वीजा और मास्टरकार्ड की ट्रांजेक्शन्स अधिकतर क्रेडिट होती हैं जबकि यूपीआई आमतौर डेबिट आधारित पेमेंट इंस्ट्रूमेंट है। मई में यूपीआई के जरिए कुल 25 लाख करोड़ से ट्रांजेक्शन हुए थे जो कुल कार्ड ट्रांजेक्शन्स से 12 गुना ज्यादा है। वॉल्यूम के हिसाब से देखें तो भारत में लगभग 85 परसेंट डिजिटल पेमेंट्स यूपीआई के जरिए होते हैं। चीन का मोबाइल पेमेंट सिस्टम हर दिन लगभग 200 करोड़ ट्रांजेक्शन्स करता है जिसमें सबसे बड़ा शेयर वीचैटपे और अलीपे का है। हालांकि ये यूपीआई की तरह इंटरबैंक पेमेंट सिस्टम नहीं है बल्कि ये क्लोज्ड-लूप वॉलेट सिस्टम हैं। क्लोज्ड-लूप यानी पेमेंट करने वाला और पेमेंट प्राप्त करने वाला एक ही कंपनी का वॉलेट इस्तेमाल करते हैं। दूसरी ओर ब्राजील का पिक्स सिस्टम यूपीआई जैसा ही है जो एक साल में 64 अरब ट्रांजेक्शन करता है।