TOP

ई - पेपर Subscribe Now!

ePaper
Subscribe Now!

Download
Android Mobile App

Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

23-05-2025

जेन-जी, मिलेनियल्स जॉब रिलेटेड डिसीजन में स्किल्स को देते हैं प्रिफरेंस

  •  मुंबईञ्चपीटीआई। ऑटोमेशन और जनरेटिव एआई (जेनएआई) के साथ निरंतर विकसित होते वर्कप्लेसेज और बदलती अपेक्षाओं के मद्देनजर कॅरियर की प्रगति और सीखने के अवसर भारत के युवा कार्यबल के नौकरी के फैसले को प्रभावित करने वाले शीर्ष कारकों में से हैं। पेशेवर सेवा कंपनी डेलॉयट की ओर से जारी सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। डेलॉयट इंडिया की ‘चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर’ सरस्वती कस्तूरीरंगन ने कहा कि भारत के ‘जेन-जी’ और ‘मिलेनियल्स’ न केवल भविष्य के अनुरूप काम करने के तरीकों के हिसाब से खुद को ढाल रहे हैं, बल्कि वे इसे आकार भी दे रहे हैं। 85 प्रतिशत लोग साप्ताहिक ‘अपस्किलिंग’ में लगे हुए हैं और नौकरी के दौरान सीखने को प्राथमिकता दे रहे हैं, वे जेनएआई जैसी प्रौद्योगिकियों के साथ मिलकर चुस्त, उद्देश्य-संचालित कॅरियर बना रहे हैं। ‘जेन-जी’ 1997 से 2012 के बीच और ‘मिलेनियल्स’ 1981 से 1996 के बीच जन्म लेने वाले लोगों को कहा जाता है। कस्तूरीरंगन ने ‘2025 डेलॉयट ग्लोबल जेन-जी एंड मिलेनियल्स सर्वे’ का हवाला देते हुए कहा कि नियोक्ताओं के लिए यह विकास, नवाचार और निरंतर सीखने पर आधारित संस्कृति का निर्माण करने का संकेत है। सर्वेक्षण में पाया गया कि कॅरियर की प्रगति और सीखने के अवसर उन शीर्ष कारकों में से हैं जो युवा कार्यबल के लिए नौकरी के फैसले को प्रभावित करते हैं। हालांकि, ‘मेंटरशिप’ (अनुभवी व्यक्ति के मार्गदर्शन) की कमी है क्योंकि लगभग आधे उत्तरदाता प्रबंधकों से सक्रिय ‘मेंटरशिप’ चाहते हैं, लेकिन बहुत कम को यह मिलती है। यह ‘2025 डेलॉयट ग्लोबल जेन-जी एंड मिलेनियल्स सर्वे’ वैश्विक दृष्टिकोण से प्राप्त अंतर्दृष्टि पर आधारित है। इसमें 809 भारतीय पेशेवरों की प्रतिक्रियाएं शामिल हैं जिनमें से 505 जेन-जी और 304 मिलेनियल्स थे। सर्वेक्षण से पारंपरिक शिक्षा के मूल्य के बारे में बढ़ती शंकाएं उजागर हुईं, क्योंकि कई लोगों ने सवाल उठाया कि क्या तेजी से बदलते नौकरी बाजार में केवल औपचारिक डिग्री ही पर्याप्त है? इसमें 94 प्रतिशत से अधिक जेन-जी और 97 प्रतिशत से अधिक मिलेनियल्स ने कहा कि वे सिद्धांत से अधिक व्यावहारिक अनुभव को महत्व देते हैं। इसके अलावा, सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 52 प्रतिशत जेन-जी और 45 प्रतिशत मिलेनियल्स उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से असंतुष्ट हैं। साथ ही 36 प्रतिशत जेन-जी और 40 प्रतिशत मिलेनियल्स ने लागत संबंधी चिंताओं की बात कही। इस बीच, भारत में 33 प्रतिशत जेन-जी और 29 प्रतिशत मिलेनियल्स ने कहा कि वे हर समय या अधिकतर समय तनावग्रस्त या चिंतित महसूस करते हैं। 

    भारत में 36 प्रतिशत से अधिक जेन-जी और 39 प्रतिशत मिलेनियल्स ने कहा कि उनकी नौकरी उनकी चिंता या तनाव की भावनाओं के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। सरस्वती ने कहा कि संगठनों को इस बात पर पुनर्विचार करने की जरूरत है कि वे कर्मचारियों की खुशी तथा कुशलक्षेम को किस तरह प्राथमिकता देते हैं। शारीरिक, मानसिक तथा वित्तीय कुशलक्षेम आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं और नेतृत्व के उच्चतम स्तरों पर इन पर एक साथ ध्यान देने की आवश्यकता है।
     
Share
जेन-जी, मिलेनियल्स जॉब रिलेटेड डिसीजन में स्किल्स को देते हैं प्रिफरेंस

 मुंबईञ्चपीटीआई। ऑटोमेशन और जनरेटिव एआई (जेनएआई) के साथ निरंतर विकसित होते वर्कप्लेसेज और बदलती अपेक्षाओं के मद्देनजर कॅरियर की प्रगति और सीखने के अवसर भारत के युवा कार्यबल के नौकरी के फैसले को प्रभावित करने वाले शीर्ष कारकों में से हैं। पेशेवर सेवा कंपनी डेलॉयट की ओर से जारी सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। डेलॉयट इंडिया की ‘चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर’ सरस्वती कस्तूरीरंगन ने कहा कि भारत के ‘जेन-जी’ और ‘मिलेनियल्स’ न केवल भविष्य के अनुरूप काम करने के तरीकों के हिसाब से खुद को ढाल रहे हैं, बल्कि वे इसे आकार भी दे रहे हैं। 85 प्रतिशत लोग साप्ताहिक ‘अपस्किलिंग’ में लगे हुए हैं और नौकरी के दौरान सीखने को प्राथमिकता दे रहे हैं, वे जेनएआई जैसी प्रौद्योगिकियों के साथ मिलकर चुस्त, उद्देश्य-संचालित कॅरियर बना रहे हैं। ‘जेन-जी’ 1997 से 2012 के बीच और ‘मिलेनियल्स’ 1981 से 1996 के बीच जन्म लेने वाले लोगों को कहा जाता है। कस्तूरीरंगन ने ‘2025 डेलॉयट ग्लोबल जेन-जी एंड मिलेनियल्स सर्वे’ का हवाला देते हुए कहा कि नियोक्ताओं के लिए यह विकास, नवाचार और निरंतर सीखने पर आधारित संस्कृति का निर्माण करने का संकेत है। सर्वेक्षण में पाया गया कि कॅरियर की प्रगति और सीखने के अवसर उन शीर्ष कारकों में से हैं जो युवा कार्यबल के लिए नौकरी के फैसले को प्रभावित करते हैं। हालांकि, ‘मेंटरशिप’ (अनुभवी व्यक्ति के मार्गदर्शन) की कमी है क्योंकि लगभग आधे उत्तरदाता प्रबंधकों से सक्रिय ‘मेंटरशिप’ चाहते हैं, लेकिन बहुत कम को यह मिलती है। यह ‘2025 डेलॉयट ग्लोबल जेन-जी एंड मिलेनियल्स सर्वे’ वैश्विक दृष्टिकोण से प्राप्त अंतर्दृष्टि पर आधारित है। इसमें 809 भारतीय पेशेवरों की प्रतिक्रियाएं शामिल हैं जिनमें से 505 जेन-जी और 304 मिलेनियल्स थे। सर्वेक्षण से पारंपरिक शिक्षा के मूल्य के बारे में बढ़ती शंकाएं उजागर हुईं, क्योंकि कई लोगों ने सवाल उठाया कि क्या तेजी से बदलते नौकरी बाजार में केवल औपचारिक डिग्री ही पर्याप्त है? इसमें 94 प्रतिशत से अधिक जेन-जी और 97 प्रतिशत से अधिक मिलेनियल्स ने कहा कि वे सिद्धांत से अधिक व्यावहारिक अनुभव को महत्व देते हैं। इसके अलावा, सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 52 प्रतिशत जेन-जी और 45 प्रतिशत मिलेनियल्स उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से असंतुष्ट हैं। साथ ही 36 प्रतिशत जेन-जी और 40 प्रतिशत मिलेनियल्स ने लागत संबंधी चिंताओं की बात कही। इस बीच, भारत में 33 प्रतिशत जेन-जी और 29 प्रतिशत मिलेनियल्स ने कहा कि वे हर समय या अधिकतर समय तनावग्रस्त या चिंतित महसूस करते हैं। 

भारत में 36 प्रतिशत से अधिक जेन-जी और 39 प्रतिशत मिलेनियल्स ने कहा कि उनकी नौकरी उनकी चिंता या तनाव की भावनाओं के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। सरस्वती ने कहा कि संगठनों को इस बात पर पुनर्विचार करने की जरूरत है कि वे कर्मचारियों की खुशी तथा कुशलक्षेम को किस तरह प्राथमिकता देते हैं। शारीरिक, मानसिक तथा वित्तीय कुशलक्षेम आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं और नेतृत्व के उच्चतम स्तरों पर इन पर एक साथ ध्यान देने की आवश्यकता है।
 

Label

PREMIUM

CONNECT WITH US

X
Login
X

Login

X

Click here to make payment and subscribe
X

Please subscribe to view this section.

X

Please become paid subscriber to read complete news