कमोडिटी कंपनी वेदांता के शेयरों में बुधवार को इंट्र-डे में भारी गिरावट देखी गई। इसकी वजह अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म वायसराय रिसर्च की रिपोर्ट है, जिसमें आरोप लगाया कि यह ग्रुप एक ‘पोन्जी’ स्कीम जैसा है। हालांकि, इस दावे का अनिल अग्रवाल के समात्वि वाली कंपनी की ओर से खंडन किया गया है। शॉर्ट-सेलर फर्म की रिपोर्ट के अनुसार, वेदांता ग्रुप “financially unsustainable”, “operationally compromised” and closely “resembles a Ponzi scheme”. यानि वेदांता ग्रुप वित्तीय रूप से अस्थिर है, परिचालन के लिहाज से समझौतापूर्ण है और यह लेंडर्स के लिए गंभीर और लो वैल्यूएशन रिस्क पैदा कर सकता है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म के अनुसार, वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड एक होल्डिंग कंपनी है, जो अपने ऋणों का भुगतान करने के लिए वेदांता लिमिटेड से मिली राशि पर निर्भर है, क्योंकि इसका अपना कोई बड़ा कारोबार नहीं है। रिपोर्ट में बताया गया कि इससे वेदांता को और अधिक कर्ज लेने और रिजर्व समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बीएसई के डेटा के मुताबिक, वेदांता में प्रमोटर्स की होल्डिंग मार्च 2025 तक 56.38 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में आगे कहा गया, वेदांता रिसोर्सेज द्वारा अपने अल्पकालिक दायित्वों को पूरा करने के लिए उठाए गए कदम सीधे तौर पर उसके ऋणदाताओं की मूलधन वसूलने की दीर्घकालिक क्षमता को नुकसान पहुंचाते हैं। साथ ही कहा गया है कि यह स्थिति एक ‘पोंजी’ योजना जैसी है। वायसराय ने दावा किया कि सॉल्वेंसी बनाए रखने के लिए, ग्रुप ने महत्वपूर्ण अघोषित देनदारियों को स्थगित कर दिया था और नए ऋण और अकाउंटिंग परिवर्तनों पर निर्भर था। इसके अलावा रिपोर्ट में चेतावनी दी गई कि ग्रुप दिवालिया हो सकता है। यह रिपोर्ट गुरुवार को वेदांता की आगामी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) से पहले जारी की गई। वेदांता ग्रुप ने बयान जारी करते हुए शॉर्ट-सेलर फर्म की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और इसे ग्रुप को बदनाम करने के उद्देश्य से चुनिंदा गलत सूचनाओं और निराधार आरोपों का दुर्भावनापूर्ण मिश्रण बताया। कंपनी ने कहा कि रिपोर्ट वेदांता से प्रतिक्रिया लेने के किसी भी प्रयास के बिना जारी की गई थी और आरोप लगाया कि यह केवल बाजार में गलत धारणा को भडक़ाने के लिए बनाई गई है। वेदांता ग्रुप ने दावा किया कि रिपोर्ट में केवल सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का संकलन है, जिसे संदर्भ से बाहर निकालकर भ्रामक तरीके से प्रस्तुत किया गया है ताकि इसे लेकर बाजार में होने वाली प्रतिक्रिया से लाभ उठाया जा सके। वेदांता ग्रुप के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, रिपोर्ट का समय संदिग्ध है और यह आगामी कॉर्पोरेट पहलों को कमजोर करने के लिए हो सकता है। हमारे पक्षकार ऐसी चालों को समझते हैं।