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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

01-07-2025

एग्रेसिव प्राइसिंग, नयी कंपनियों के प्रवेश से पेंट इंडस्ट्री में तेजी हुआ कंपिटिशन

  •  भारतीय पेंट उद्योग में नयी कंपनियों के आक्रामक मूल्य निर्धारण और छूट देने से प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है। ऐसे में प्रमुख कंपनियों की बिक्री और मार्जिन पर 2024-25 में असर पड़ा है और चालू वर्ष में भी मामूली वृद्धि की उम्मीद है। उद्योग को शहरी बाजारों से मांग में सुस्ती का भी सामना करना पड़ा, जहां उपभोक्ता अधिक किफायती विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि, अनुकूल व्यापक आर्थिक स्थितियों, बढ़ते शहरीकरण और निर्माण तथा बुनियादी ढांचे से जुड़ी गतिविधियों में वृद्धि के कारण 2025-26 में मामूली वृद्धि हो सकती है। एशियन पेंट्स, जो घरेलू बाजार में 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी रखता है, ने कहा कि नयी कंपनियों के आने के साथ ही स्थापित कंपनियों के आक्रामक मूल्य निर्धारण और छूट देने के साथ प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है। इससे मुनाफा प्रभावित हुआ है। एशियन पेंट्स के वाइस चेयरमैन मनीष चोकसी ने कंपनी की हालिया वार्षिक आम बैठक में कहा कि 2024-25 में कमजोर खपत ने घरेलू सजावटी पेंट बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा, ‘‘विवेकाधीन खर्च में कमी के कारण घर के रखरखाव और पेंट कराने की योजना को टाल दिया गया, जिससे खपत प्रभावित हुई।’’ उन्होंने आगे कहा, उपभोक्ता अधिक किफायती विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं, यहां तक कि विभिन्न श्रेणियों में सजावटी पेंट उत्पादों के प्रीमियम खंड में भी। हालांकि, ग्रामीण मांग में तुलनात्मक रूप से मजबूती देखने को मिली। कंसाई नेरोलैक पेंट्स ने कहा, ''वित्त वर्ष 2024-25 में, भारतीय पेंट उद्योग ने कम मांग और प्रतिस्पर्धा के तेज दबावों के बावजूद मजबूती दिखाई।'' कंसाई नेरोलैक पेंट्स की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि बाजार में नए खिलाडय़िों के प्रवेश ने प्रतिस्पर्धा को और बढ़ा दिया, जिससे अधिक आक्रामक मूल्य निर्धारण रणनीतियों को बढ़ावा मिला। बर्जर पेंट्स ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में एकल आधार पर मात्रा में बिक्री बढऩे के बावजूद मूल्य के लिहाज से वृद्धि धीमी रही।

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एग्रेसिव प्राइसिंग, नयी कंपनियों के प्रवेश से पेंट इंडस्ट्री में तेजी हुआ कंपिटिशन

 भारतीय पेंट उद्योग में नयी कंपनियों के आक्रामक मूल्य निर्धारण और छूट देने से प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है। ऐसे में प्रमुख कंपनियों की बिक्री और मार्जिन पर 2024-25 में असर पड़ा है और चालू वर्ष में भी मामूली वृद्धि की उम्मीद है। उद्योग को शहरी बाजारों से मांग में सुस्ती का भी सामना करना पड़ा, जहां उपभोक्ता अधिक किफायती विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि, अनुकूल व्यापक आर्थिक स्थितियों, बढ़ते शहरीकरण और निर्माण तथा बुनियादी ढांचे से जुड़ी गतिविधियों में वृद्धि के कारण 2025-26 में मामूली वृद्धि हो सकती है। एशियन पेंट्स, जो घरेलू बाजार में 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी रखता है, ने कहा कि नयी कंपनियों के आने के साथ ही स्थापित कंपनियों के आक्रामक मूल्य निर्धारण और छूट देने के साथ प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है। इससे मुनाफा प्रभावित हुआ है। एशियन पेंट्स के वाइस चेयरमैन मनीष चोकसी ने कंपनी की हालिया वार्षिक आम बैठक में कहा कि 2024-25 में कमजोर खपत ने घरेलू सजावटी पेंट बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा, ‘‘विवेकाधीन खर्च में कमी के कारण घर के रखरखाव और पेंट कराने की योजना को टाल दिया गया, जिससे खपत प्रभावित हुई।’’ उन्होंने आगे कहा, उपभोक्ता अधिक किफायती विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं, यहां तक कि विभिन्न श्रेणियों में सजावटी पेंट उत्पादों के प्रीमियम खंड में भी। हालांकि, ग्रामीण मांग में तुलनात्मक रूप से मजबूती देखने को मिली। कंसाई नेरोलैक पेंट्स ने कहा, ''वित्त वर्ष 2024-25 में, भारतीय पेंट उद्योग ने कम मांग और प्रतिस्पर्धा के तेज दबावों के बावजूद मजबूती दिखाई।'' कंसाई नेरोलैक पेंट्स की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया कि बाजार में नए खिलाडय़िों के प्रवेश ने प्रतिस्पर्धा को और बढ़ा दिया, जिससे अधिक आक्रामक मूल्य निर्धारण रणनीतियों को बढ़ावा मिला। बर्जर पेंट्स ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में एकल आधार पर मात्रा में बिक्री बढऩे के बावजूद मूल्य के लिहाज से वृद्धि धीमी रही।


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