वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) जिंक, सीसा और चांदी खंड में अपनी क्षमता दोगुनी करने के लिए करीब 12,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी। एचजेडएल के निदेशक मंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि दो गुना वृद्धि योजना के तहत हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के बोर्ड ने 12,000 करोड़ रुपये के निवेश से अपनी एकीकृत रिफाइंड धातु क्षमता को 250 किलो टन प्रति वर्ष (केटीपीए) तक बढ़ाने और खदानों एवं मिलों की क्षमता बढ़ाने की योजना को मंजूरी दी है। विस्तार को आंतरिक स्रोतों और कर्ज के जरिए वित्तपोषित किया जाएगा। एचजेडएल ने कहा कि निदेशक मंडल (बोर्ड) ने राजस्थान के देबारी में 250 केटीपीए एकीकृत स्मेल्टर स्थापित करने और खदानों एवं मिलों के विस्तार के लिए एक परियोजना को मंजूरी दी है। कंपनी ने कहा कि इस परियोजना को 36 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी कुल लागत करीब 12,000 करोड़ रुपये है। एचजेडएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा, हम जस्ता, सीसा और चांदी में अपनी क्षमता को दोगुना करने की विकास परियोजना की घोषणा करते हुए उत्साहित हैं, जो रणनीतिक रूप से देश के बढ़ते आर्थिक परिदृश्य, बढ़ती मांग और जस्ता के लिए देश को आत्मनिर्भर बनाए रखने से जुड़ा हुआ है।