बॉन्ड या ऋण साधनों पर केंद्रित (डेट) म्यूचुअल फंड योजनाओं में शुद्ध निवेश अप्रैल में सुधरकर 2.19 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि इसके पहले दो महीनों में निकासी हावी रही थी। उद्योग निकाय ने सोमवार को यह जानकारी दी। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि निवेश आने से अप्रैल में ऋण या बॉन्ड में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड की प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां बढक़र 17.57 लाख करोड़ रुपये हो गईं जबकि मार्च में यह 17.02 लाख करोड़ रुपये थीं। इसके साथ ही अप्रैल में निवेशक आधार में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस दौरान निवेशकों की संख्या 1.44 लाख बढक़र अप्रैल में 79.36 लाख हो गई। आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में उछाल व्यापक आधार पर रहा। इस दौरान 16 में से 12 डेट म्यूचुअल फंड श्रेणियों में शुद्ध निवेश हुआ। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में वरिष्ठ विश्लेषक एवं शोध प्रबंधक नेहल मेश्राम ने कहा कि अप्रैल में यह बदलाव मार्च में 2.02 लाख करोड़ रुपये की निकासी के बाद हुआ है। मार्च में प्रवाह घटने का कारण वित्त वर्ष के अंत में निवेशकों द्वारा अग्रिम कर भुगतान के लिए निकाली गई नकदी थी। फरवरी में भी बॉन्ड-केंद्रित म्यूचुअल फंड योजनाओं से 6,525 करोड़ रुपये की निकासी देखी गई थी। हालांकि, जनवरी में इस श्रेणी में 1.28 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया था। अप्रैल के दौरान 16 श्रेणियों में से लिक्विड फंड में सबसे अधिक 1.18 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जबकि मार्च में 89 प्रतिशत से अधिक निकासी हुई थी।