पूर्व में व्यक्त की गई आशंका के अनुसार ही आंध्र प्रदेश के करनूल जिले में लालमिर्च की नई फसल शुरू हो गई है। इसकी वजह से गुंटूर में भी इसकी आवक बढ़ गई है। इसके बाद भी लालमिर्च की थोक कीमत में मजबूती बनी हुई है। अत: आगामी समय में आवक का दबाव और बढऩे से पूर्व तक लालमिर्च मजबूत ही बनी रह सकती है। बीते अक्तूबर महीने में मोंथा तूफान आया था। इसकी वजह से आंध्र प्रदेश के करनूल जिले में लालमिर्च की तैयार खड़ी फसल को हानि होने की रिपोर्ट मिली थी। इतना ही नहीं, रिपोर्ट यह भी बताती है कि इस जिले में लालमिर्च की नई फसल करीब एक महीने की देरी से शुरू हो पाएगी। अब एक करनूल जिले में लालमिर्च की नई फसल शुरू हो गई है और इसकी वजह से गुंटूर में इस प्रमुख किराना जिंस की आवक भी बढ़ गई है। आवक ऊंची होने के बाद भी निर्यातकों की सक्रियता बनी होने के बाद भी गुंटूर में लालमिर्च की कीमत में मजबूती बनी हुई है। बहरहाल, इस बार फसल की बुआई तुलनात्मक रूप से नीची हुई थी लेकिन मौसम का अनुकूल समर्थन मिलने और औसत उत्पादकता अच्छी आने से उत्पादन अच्छा होने का अनुमान है। बहरहाल, इससे पूर्व देश के शीर्ष लालमिर्च उत्पादक राज्यों, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, के कई क्षेत्रों में पूर्व में भारी वर्षा होने तथा बाढ़ आने की खबरें मिली थी। इधर, स्थानीय थोक किराना बाजार में 334 नंबर लालमिर्च में हाल ही में 500 रुपए मंदी होकर फिलहाल 15,000/16,500 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनी हुई है। हाल ही में इसमें इतनी ही तेजी आई थी। बहरहाल, गुंटूर मंड़ी में इस प्रमुख किराना जिंस की आवक बढक़र करीब 80 हजार बोरियों की होने की सूचना मिली। बढ़ी कीमत पर भी लिवाली का समर्थन बना होने से गुंटूर में 334 नंबर लालमिर्च फिलहाल 14/16 हजार रुपए प्रति क्विंटल के पूर्वस्तर पर रुकी हुई है। 341 नंबर 16/17 हजार रुपए पर डटी हुई है। तेजा तथा अन्य किस्मों की लालमिर्च में भी स्थिरता बनी होने की सूचना मिली। फटकी मिर्च 7200/11,000 रुपए के पूर्वस्तर पर रुकी होने की जानकारी मिली। इसी प्रकार, तेलंगाना की वारंगल मंडी में भी फटकी लालमिर्च फिलहाल 7200/11,000 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्वबंद स्तर पर बनी होने की सूचना मिली। 341 नंबर 16,500/18,500 रुपए पर मजबूत बनी होने की जानकारी मिली। उधर, मसाला बोड के आंकड़ो के अनुसार वर्तमान वित्त वर्ष की आरंभिक छमाही यानाी अप्रैल-सितम्बर, 2025 में लालमिर्च का मात्रात्मक निर्यात तुलनात्मक रूप से 40 प्रतिशत उछलकर 3,80,980 क्विंटल होने की हो गया। आय भी 14 प्रतिशत बढक़र 5232.98 करोड़ रुपए हुई। अत: आगामी दिनों में हाजिर में लालमिर्चं की आवक का दबाव और बढऩे से पूर्व तक इसमें मजबूती बनी रहने की उम्मीद है।