स्पीयरमिंट फसल का उत्पादन बदायूं जिले की सहसवान तहसील के आसपास देहात के गांवों में किसानों द्वारा खेतों में पौध लगाकर किया जाता है। किसान फसल काटकर प्लांटो पर तेल निकासी करके बाजारों में बेचता है। इस साल फसल में उखटा रोग लगने में तेल की रिकवरी घटकर नीचे के पायदान पर चली गयी, जिसके चलते 50 से 60 प्रतिशत फसल घटती तेल की निकासी में लगभग दो से ढाई या तीन किलोग्राम प्रति बीघा तक के औसत में निपट गयी। केवल मात्र 20 से 22 प्रतिशत फसल का औसत 4 किलोग्राम प्रति बीघा का हो सकता है, बाकी कुछ किसानों का औसत ढाई से तीन किलोग्राम प्रति बीघा पर ही निपट गया है। स्पीयरमिंट फसल का उत्पादन गांवों के खन्दक, कोल्हाई, मदारपुर, घोवरखेड़ा, जनेटा, बागवाला, ढहगवां, उस्मानपुर, दानपुर, सुलतानपुर, गढ़ी, जचकी, मुस्तफाबाद, पीतमनगर, ज्वालापुर, शमुदा, शुकरुल्लापुर, सहसवान, ऊझानी, बिल्सी, गभियाई नगला, खेड़ा नवादा, रूपापुर, मई, सिमरिया तथा रसूलपुर, ककराला, ददुआ नगला, कादरचौक आदि गांवों के आसपास किसान प्लांटों पर घास से तेल निकालते हैं। गत वर्ष का कैरी-फॉरवर्ड स्टॉक खाली होने के कारण निर्यातकों ने बिना तेल के ऊपर माल बेचा हुआ हो सकता है। वर्तमान में सहसवान, ऊझानी, बिल्सी, बिसौली, बजीरगंज, इस्लामनगर, आंवला, कुंवरगांव, बदायूं आदि मंडियों में स्पीयरमिंट तेल की आवक कमजोर तथा भाव 2700 से 2750 रुपए प्रति किलोग्राम सुना जा रहा है। पिपरैटा तेल का भाव 3000 से 3100 रुपए तथा बेसिल ऑयल का भाव 2150 से 2200 रुपए सुना जा रहा है। पिपरैटा तेल की आवक आंवला व बरेली तथा बदायूं मंडियों में हो रही है। शिवालिक तेल का भाव 940/950 रुपए चल कंजलिंग का सुना जा रहा है, आवक ठप्प होती देखकर कभी भी भाव ऊपर जा सकते हैं। धीरे-धीरे देशी-विदेशी नेचुरल मैंथोल की मांग प्रतिदिन बढ़ रही है।