दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी और ग्लोबल स्तर पर टॉप-5 चांदी उत्पादकों में से एक वेदांता गु्रप की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लि. रीको के सहयोग से राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ में दुनिया का पहला इंडस्ट्रीयल जिंक पार्क बनाएगी। रिन्युएबल एनर्जी से ऑपरेट होने वाला यह पार्क चित्तौडग़ढ़ के चंदेरिया में स्थापित होगा। इस इंडस्ट्रीयल जिंक पार्क में जिंक, लेड, सिल्वर, सल्फ्यूरिक एसिड, फॉस्फोरिक एसिड और उसके साथ में एल्युमिनियम और कॉपर बेस की इंडस्ट्री लग सकेगी। इस पार्क में 2 करोड़ रुपए से लेकर 100 करोड़ रुपए की इंडस्ट्रीज लगाई जा सकती है। यह बात वेदाता गु्रप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने जयपुर के सीतापुरा इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित जयपुर एग्जीबिशन कन्वेंशन सेंटर में आयोजित प्रवासी राजस्थान दिवस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित डेलीगेट्स को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस इंडस्ट्रीयल जिंक पार्क में कुल 200 इंडस्ट्री स्थापित हो सकेगी और करोड़ों रुपए का नया निवेश होने के साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मुहैया हो सकेगा। इस पार्क में कंपनी की ओर से इंडस्ट्री को बिजली, पानी व रॉ-मेटेरेयिल आदि मुहैया करवाया जाएगा। जिंक पार्क राजस्थान को मेटल्स और मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक ग्लोबल हब के तौर पर उभरने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि गु्रप की ओर से प्रदेश में लाखों रुपए का नया निवेश किया जाएगा। साथ ही गु्रप की ओर से 10 लाख मीट्रिक टन कैपेसिटी का प्रदेश का सबसे बड़ा फर्टिलाइजर प्लांट स्थापित किया जाएगा, जिसका जल्द ही शुभारंभ होगा। गु्रप द्वारा इस प्लांट की प्रोडक्शन कैपेसिटी को फ्यूचर में बढ़ाकर दोगुनी किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अग्रवाल के अनुसार प्रदेश के चित्तौडग़ढ़ में चंदेरिया, दरीबा और देबारी में हिन्दुस्तान जिंक के वल्र्ड क्लास माइनिंग और स्मेल्टिंग ऑपरेशन के पास यह पार्क स्थापित करने की योजना है। जिंक पार्क एक इंडस्ट्रियल क्लस्टर से कहीं ज्यादा है, यह एनर्जी ट्रांजिशन मेटल्स, जरूरी मिनरल्स और क्लीन-एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग में देश की क्षमताओं को बनाने का एक लंबे समय का कमिटमेंट है। वेदांता समूह एक लाख करोड़ रुपये के निवेश के माध्यम से जस्ता, सीसा, चांदी, तेल एवं गैस तथा नवीकरणीय ऊर्जा में अपना उत्पादन दोगुना करेगा। राजस्थान में तेल, गैस और खनिजों के प्रचुर भंडार हैं, जो इसे भारत की अर्थव्यवस्था को और भी ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता प्रदान करते हैं। जिस प्रकार पंजाब देश को भोजन उपलब्ध कराता है, उसी प्रकार राजस्थान में आने वाले वर्षों में दुनिया को खनिज और प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध कराने की क्षमता है।