केंद्रीय कैबिनेट सचिव मनोज गोविल ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए प्रदेश के उद्योगपतियों से सुझाव लिए। इसके लिए आरआईसी सभागार में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि और प्रदेश औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच संवाद हुआ। इसमें फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) की ओर से उपाध्यक्ष कैलाश खंडेलवाल ने बैठक में भाग लिया। फोर्टी ने विकसित भारत में राजस्थान की भागीदारी बढ़ाने के लिए सुझाव सौंपे हैं। फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि फोर्टी हमेशा केंद्र और राज्य सरकार के साथ प्रदेश के उद्यमियों को एक मंच पर लाकर संवाद स्थापित करने का प्रयास करता है। इससे सरकार को उद्योग और व्यापार के प्रोत्साहन के लिए प्रभावशाली नीति निर्धारण करने में आसानी होती है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए भी फोर्टी ने केंद्र सरकार को कई उपयोगी सुझाव सौंपे हैं। फोर्टी ने सुझावों में बताया कि दिल्ली- मुम्बई एक्सप्रेस वे, पंजाब- गुजरात एक्सप्रेस वे (वाया बीकानेर ) के साथ डीएमआईसी के तहत इनके दोनों तरफ इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर विकसित किए जाएं। राजस्थान में सोलर आधारित एमएसएमई को विकसित किया जाए। होटल और पर्यटन इंडस्ट्री के लिए सब्सिडी योजना लानी चाहिए। मनरेगा को उद्योगों से जोड़ा जाना चाहिए। सुझावों में बताया गया कि रोप वे प्रोजेक्ट्स को रेड कैटेगरी से हटाकर ग्रीन और व्हाइट कैटेगरी में शामिल किया जाए। वेयरहाउसिंग के लिए अलग से लैंड बैंक बनाया जाए। स्विस चैलेंज योजना के अंतर्गत 50 करोड़ के प्रस्ताव 5 करोड़ तक किया जाना चाहिए। निर्यात प्रोत्साहन के लिए इंटरेस्ट इक्वेलाइजेशन स्कीम को केंद्र सरकार की ओर से दिसम्बर में बंद कर दिया गया, इसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए तथा ग्लोबल एक्सपोर्ट मार्केट में बांग्लादेश से आगे निकलने के लिए गारमेंट मैन्युफैक्चर्स और एक्सपोर्ट्स के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए।