विश्व बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने कहा कि भारत के प्रति अमेरिकी आर्थिक नीति ने ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण मोड़’’ ले लिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत के प्रति कठोर रुख हैरान करने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर दोनों देशों के बीच जारी बातचीत में कुछ गतिरोध के संकेतों के बीच भारत पर एक अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की। इसके अलावा ट्रंप ने रूस से सैन्य उपकरण और कच्चा तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त जुर्माना लगाने का भी फैसला किया है। इस घोषणा को भारत पर अमेरिका की मांगों को मानने के लिए दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। बसु ने कहा, ‘‘भारत के प्रति अमेरिकी आर्थिक नीति ने दुर्भाग्यपूर्ण मोड़ ले लिया है।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत के साथ बड़ा व्यापार घाटा होने का हवाला देते हुए भारतीय आयातों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। बसु ने कहा, ‘‘हालांकि भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा केवल 41 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो चीन (270 बिलियन अमेरिकी डॉलर) या वियतनाम जैसे छोटे देशों (113 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के साथ घाटे के आसपास भी नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को अत्यधिक कर वसूलने वाला करार दिया है। बसु ने कहा, ‘‘ भारत के खिलाफ यह कठोर रुख चौंकाने वाला लगता है, हालांकि यह भारत के डोनाल्ड ट्रंप का निर्विवाद समर्थक बनने का ही परिणाम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका अब भारत को पहले से कहीं कम आंक रहा है। भारत पहले अपनी स्वतंत्र आवाज के लिए जाना जाता था।’’