ईडी के अनुसार, भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) द्वारा प्रस्ताव को अस्वीकार किए जाने के बावजूद सीएचआईएल ने 1 मई 2022 को काफी कम कीमत पर ईएसओपी जारी किए। ईडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, जांच के एक भाग के रूप में सीएचआईएल के स्वतंत्र निदेशक प्रताप वेणुगोपाल को एक समन जारी किया गया था, ताकि यह समझा जा सके कि किन परिस्थितियों में कंपनी ने आईआरडीएआई द्वारा अस्वीकृति के बावजूद ईएसओपी जारी किया है और इस संबंध में सीएचआईएल के बोर्ड में बाद में चर्चा हुई है। बयान में कहा गया कि यह भी ध्यान देने योग्य है कि आईआरडीएआई ने 23 जुलाई 2024 को सीएचआईएल को उन सभी ईएसओपी को रद्द करने का निर्देश दिया है, जिनका आवंटन अभी तक नहीं हुआ है। साथ ही नियामक निर्देशों का पालन न करने पर सीएचआईएल पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले पर कथित तौर पर सीएचआईएल की बाद की बोर्ड मीटिंग में चर्चा की गई। जांच के हिस्से के रूप में, ईडी ने वरिष्ठ अधिवक्ता वेणुगोपाल को समन जारी किया, जो सीएचआईएल के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में काम करते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन परिस्थितियों में कंपनी ने ईएसओपी आवंटन के साथ आगे बढऩा जारी रखा। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में वेणुगोपाल के कद को स्वीकार करते हुए, ईडी ने अब समन वापस ले लिया है। एजेंसी ने स्पष्ट किया कि स्वतंत्र निदेशक के रूप में उनकी भूमिका से संबंधित कोई भी आवश्यक दस्तावेज ईमेल के माध्यम से मांगे जाएंगे। ईडी ने कहा, इसके अलावा, ईडी ने क्षेत्रीय कार्यालयों के मार्गदर्शन के लिए एक परिपत्र भी जारी किया है कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 (बीएसए) की धारा 132 का उल्लंघन करते हुए किसी भी वकील को कोई समन जारी नहीं किया जाएगा। इसमें कहा गया, इसके अलावा, यदि बीएसए, 2023 की धारा 132 के प्रावधान में दिए गए अपवादों के तहत कोई समन जारी करने की आवश्यकता है, तो इसे केवल ईडी के निदेशक की पूर्व स्वीकृति से ही जारी किया जाएगा।