आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम् सरकार ने श्रमिक कानून में बदलाव करके प्रदेश की निजी कंपनियों और फैक्ट्रियों में ड्यूटी का अनिवार्य समय नौ घंटे से बढ़ाकर दस घंटे करने का फैसला किया है। यह निर्णय प्रदेश में इन्वेस्टमेंट एवं इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। दूसरी ओर श्रमिक संगठनों ने कहा है कि इस निर्णय से कर्मचारी गुलाम बनकर रह जाएंगे। प्रदेश में पहले देश के अन्य भागों की तरह ड्यूटी अवर्स का समय आठ घंटे का ही था, लेकिन करीब एक दशक पहले इसे बढ़ाकर नौ घंटे कर दिया गया था। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के मंत्रिमंडल ने श्रमिक कानून में इस नए संशोधन को मंजूरी दे दी है। सरकार ने इजी ऑफ डूईंग बिजनेस पॉलिसी के तहत यह संशोधन किया है। प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री के. पार्धसारधी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इससे प्रदेश में इन्वेस्टमेंट आएगा। दूसरी ओर सीपीएम के राज्य सचिव वी. श्रीनिवास राव ने इस निर्णय की निंदा करते हुए इसे शीघ्र वापस लेने की मांग की है। राव ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के दबाव में बड़े उद्योगपतियों को खुश करने के लिए ऐसा किया है।