उदयपुर। मार्बल उद्योग पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए 28 प्रतिशत गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लेकर मार्बल कारोबारी भविष्य को लेकर चिंतित है। इसका अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों दो दिन तक नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश के सभी राज्यों के मार्बल कारोबारी एकजुट होकर केंद्र सरकार पर मार्बल पर जीएसटी की न्यूनतम स्लैब लगाने के लिए दबाव बनाते हुए दिखाई दिये। इसी को मद्देनजर रखते हुए उदयपुर में संघर्ष समिति ने शुक्रवार को एक दिन मार्बल मंडी बंद रखने की घोषणा की लेकिन खास बात यह रही कि इस बंद को उदयपुर मार्बल एसोसिएशन का ही समर्थन नहीं मिला। मंडी बंद को उदयपुर मार्बल एसोसिएशन का समर्थन नहीं मिलने के कारण मार्बल कारोबारियों में विरोध के स्वर दिखाई दिये। एक ओर संघर्ष समिति ने इस बंद को पूर्णतया सफल बताया, जिसमें ट्रांसपोर्टर, मेटाडोरमेन, मार्बल कारोबारियों के बीच पूर्ण सहयोग रहा वहीं दूसरी ओर उदयपुर मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष तेजेन्द्र सिंह रोबिन का कहना है कि मार्बल मंडी बंद सफल नहीं रहा। बंद के दौरान भी मंडी में सामान्य दिन की तरह कामकाज चलता रहा। कुछ लोग मिलकर मार्बल मंडी को बंद कराते रहे। संघर्ष समिति के सदस्य एवं मार्बल कारोबारी गजेन्द्र सामर ने बताया कि राजस्थान की सभी मार्बल एसोसिएशन के पदाधिकारी जीएसटी पर लगाए 28 फीसदी टैक्स को न्यूनतम स्लैब में कराने के लिए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे से मिले थे। इस पर मुख्यमंत्री राजे ने उन्हें कार्रवाई के आश्वासन के साथ किसी प्रकार की हड़ताल नहीं करने को कहा था। यह बात उदयपुर मार्बल एसोसिएशन पदाधिकारियों ने कारोबारियों को नहीं बताई। सामर का कहना है कि उदयपुर मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष तेजेन्द्र सिंह रोबिन भाजपा के बैनर तले नगर निगम में पार्षद बने हैं और वे पार्षद बनने के बाद मार्बल व्यापारियों का हित भूल गए हैं। उन्होंने बताया कि हम भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए हैं लेकिन व्यापारियों के हितों को सर्वोपरि रखा है। सामर के अनुसार शुक्रवार को एक दिन मंडी में हड़ताल से करीब 5 से 7 करोड़़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ। इस दौरान शाम को मार्बल मंड़ी में एक आमसभा हुई। आमसभा में पूर्व अध्यक्ष ओम अग्रवाल, कमल नाहर, योगेश कुमावत, महेन्द्र टांक, रमेश जैन, रमेश चित्तौड़ा, नवीन मोदी, रवि बाबेल, निशंात नाहर, संतोष अग्रवाल ने विचार रखे और जीएसटी दर कम नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया।
- नि.सं.