मार्च 2025 के निचले लेवल्स से इंडियन स्टॉक मार्केट्स में अच्छी रिकवरी देखने को मिली है। इस दौरान बड़ी संख्या में शेयरों में 40-50 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। हालांकि इस दौरान आईटी सेक्टर की कंपनियों के शेयर Worst Performer रहे। असल में देश की आईटी कंपनियां फिलहाल कई चुनौतियों का सामना कर रही हैं। कमजोर फाइनेंशियल परफोर्मेंस के अलावा बढ़ती ग्लोबल ट्रेड टेंशन व ओवरऑल नेगेटिव सेंटीमेंट के कारण आईटी कंपनियों के शेयरों के प्रति इंवेस्टरों का इंटरेस्ट इंपैक्ट हो रहा है। यही कारण है कि चालू कैलेंडर ईयर में अब तक जहां निफ्टी-50 इंडेक्स 6.37 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है वहीं निफ्टी आईटी इंडेक्स में इस दौरान 13.02 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। हाल ही में अप्रेल-जून 2025 क्वार्टर के लिए फाइनेंशियल रिजल्ट्स की घोषणा कर चुकी टीसीएस व एचसीएल टेक. के मामले में उनका फाइनेंशियल परफोर्मेंस काफी कमजोर दर्ज किया गया है। टीसीएस का नेट प्रॉफिट इस दौरान उम्मीदों के विपरीत मात्र 6 प्रतिशत की कमजोर रेट से बढ़ा वहीं एचसीएल टेक के प्रॉफिट में तो गिरावट दर्ज की गई है। टाटा एलक्सी लि. के नेट प्रॉफिट में भी जून 2025 क्वार्टर में 22 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है। इंडिविजुअल आईटी शेयरों की बात करें तो कैलेंडर ईयर 2025 में अब तक 32.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ ओरेकल फाइनेंशियल के शेयरों ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है। इसके अलावा इस दौरान टीसीएस के शेयरों में भी 22 प्रतिशत, इंफोसिस के शेयरों में 17 प्रतिशत, विप्रो के शेयरों में 15 प्रतिशत व एचसीएल टेक के शेयरों में 18 प्रतिशत की गिरावट आई है।
