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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

06-06-2025

सेल ने पिछले साल 750 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया, आगे और कमी लाने की योजना

  •  देश की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी सेल पिछले साल अपने बकाया कर्ज में से करीब 750 करोड़ रुपये की कटौती करने में सफल रही और वह आगे इसमें और कमी लाने की योजना बना रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के निदेशक (वित्त) अशोक कुमार पांडा ने कंपनी के वित्तीय नतीजों पर एक विश्लेषक चर्चा के दौरान कहा कि सेल पर फिलहाल करीब 26,800 करोड़ रुपये का कर्ज है। पांडा ने कहा, हम इस वित्त वर्ष में इस कर्ज को और कम करने की योजना बना रहे हैं। पिछले साल भी हमने लगभग 750 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया था। उन्होंने कहा कि आगे पूंजीगत व्यय बढऩे पर कंपनी दो-आयामी दृष्टिकोण अपनाएगी जिसमें लाभप्रदता बढ़ाने की कोशिश के साथ कोष जुटाने के लिए उपलब्ध अन्य साधनों को इस्तेमाल किया जाएगा। सेल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 7,500 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय लक्ष्य रखा है। इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक अपनी कुल स्थापित क्षमता को मौजूदा दो करोड़ टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 3.5 करोड़ टन प्रति वर्ष करना चाहती है। पांडा ने कहा, विस्तार के लिए हम शुरुआत में विभिन्न संयंत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसकी शुरुआत आईएसपी, आईआईएससीओ इस्पात संयंत्र में निविदा जारी करने से हो रही है।

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सेल ने पिछले साल 750 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया, आगे और कमी लाने की योजना

 देश की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी सेल पिछले साल अपने बकाया कर्ज में से करीब 750 करोड़ रुपये की कटौती करने में सफल रही और वह आगे इसमें और कमी लाने की योजना बना रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के निदेशक (वित्त) अशोक कुमार पांडा ने कंपनी के वित्तीय नतीजों पर एक विश्लेषक चर्चा के दौरान कहा कि सेल पर फिलहाल करीब 26,800 करोड़ रुपये का कर्ज है। पांडा ने कहा, हम इस वित्त वर्ष में इस कर्ज को और कम करने की योजना बना रहे हैं। पिछले साल भी हमने लगभग 750 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया था। उन्होंने कहा कि आगे पूंजीगत व्यय बढऩे पर कंपनी दो-आयामी दृष्टिकोण अपनाएगी जिसमें लाभप्रदता बढ़ाने की कोशिश के साथ कोष जुटाने के लिए उपलब्ध अन्य साधनों को इस्तेमाल किया जाएगा। सेल ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 7,500 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय लक्ष्य रखा है। इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक अपनी कुल स्थापित क्षमता को मौजूदा दो करोड़ टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 3.5 करोड़ टन प्रति वर्ष करना चाहती है। पांडा ने कहा, विस्तार के लिए हम शुरुआत में विभिन्न संयंत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसकी शुरुआत आईएसपी, आईआईएससीओ इस्पात संयंत्र में निविदा जारी करने से हो रही है।


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