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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

10-12-2025

ट्रंप की सुई अब अटकी भारत के चावल पर

  •  एक ओर अमेरिका का डेलीगेशन ट्रेड डील को फाइनल करने 10 दिसंबर से तीन दिन के भारत दौरे पर आ रहा है दूसरी ओर अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की सुई भारत के चावल एक्सपोर्ट पर अटक गई है। दरअसल अमेरिका की राइस फार्मर लॉबी ने ट्रंप से शिकायत की है कि भारत चावल की डंपिंग कर रहा है जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। इतना भर था कि ट्रंप आग उगलने लगे और कहा...यह ठीक नहीं है...हम इसका समाधान टैरिफ से निकालेंगे। दूसरी ओर इंडियन राइस एक्सपोरटर्स फैडरेशन ने ट्रंप की टिप्पणियों का जबाव देते हुए कहा है कि भारत-अमेरिका चावल व्यापार पूरी तरह कंज्यूमर डिमांड और कल्चरल फूड हेबिट्स (उपभोक्ता मांग और सांस्कृतिक खाद्य आदतों) पर आधारित है, और यह कोई डंपिंग नहीं है। फैडरेशन के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारत ने अमेरिका को 337.1 मिलियन डॉलर का 274,213 मीट्रिक टन बासमती चावल एक्सपोर्ट किया। इससे अमेरिका भारतीय बासमती के लिए चौथा सबसे बड़ा बाजार बन गया। इसमें 54.6 मिलियन डॉलर का 61341 टन नॉन-बासमती चावल का एक्सपोर्ट शामिल है। लेटेस्ट डेटा के अनुसार 50 परसेंट टैरिफ के बावजूद वित्त वर्ष 25 में अप्रेल-अक्टूबर के सात महीनों में अमेरिका को भारत से चावल एक्सपोर्ट बढक़र 374 मिलियन डॉलर को गया है। फैडरेशन के अनुसार अमेरिका में भारतीय चावल की ज्यादातर डिमांड खाड़ी और दक्षिण एशियाई प्रवासियों के कारण है जो आमतौर पर बिरयानी के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। अमेरिका को एक्सपोर्ट एडवांस परचेज ऑर्डर के आधार पर होता है। अमेरिकी चावल भारतीय बासमती की सुगंध, दाने की लंबाई और स्वाद के मामले में कहीं नहीं ठहरता। फैडरेशन के अनुसार पहले अमेरिका भारतीय चावल पर 10 परसेंट टैरिफ लगाता था, जो अब बढक़र 50 परसेंट हो चुका है। टैरिफ में इतनी भारी बढ़ोतरी के बावजूद अमेरिका को भारत से चावल का एक्सपोर्ट बढ़ रहा है। मंगलवार को व्हाइट हाउस की राउंडटेबल बैठक में  प्रेसिडेंट ट्रंप ने अमेरिकी किसानों के लिए 12 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज की घोषणा की थी। इसी मौके पर ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन इस पहलू की जांच करेगा कि क्या भारत अमेरिका के बाजार में सस्ता चावल डंप कर रहा है। अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट के साथ बातचीत के दौरान ट्रंप ने इशारा किया कि भारत ऐसा नहीं कर सकता और आगे चलकर टैरिफ लगाए जा सकते हैं। ट्रंप ने पूछा, भारत को ऐसा करने की इजाजत क्यों है (‘अमेरिका में चावल डंप करने’ की)? उन्हें टैरिफ देना चाहिए। क्या उन्हें चावल पर कोई छूट मिली हुई है?

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ट्रंप की सुई अब अटकी भारत के चावल पर

 एक ओर अमेरिका का डेलीगेशन ट्रेड डील को फाइनल करने 10 दिसंबर से तीन दिन के भारत दौरे पर आ रहा है दूसरी ओर अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की सुई भारत के चावल एक्सपोर्ट पर अटक गई है। दरअसल अमेरिका की राइस फार्मर लॉबी ने ट्रंप से शिकायत की है कि भारत चावल की डंपिंग कर रहा है जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। इतना भर था कि ट्रंप आग उगलने लगे और कहा...यह ठीक नहीं है...हम इसका समाधान टैरिफ से निकालेंगे। दूसरी ओर इंडियन राइस एक्सपोरटर्स फैडरेशन ने ट्रंप की टिप्पणियों का जबाव देते हुए कहा है कि भारत-अमेरिका चावल व्यापार पूरी तरह कंज्यूमर डिमांड और कल्चरल फूड हेबिट्स (उपभोक्ता मांग और सांस्कृतिक खाद्य आदतों) पर आधारित है, और यह कोई डंपिंग नहीं है। फैडरेशन के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारत ने अमेरिका को 337.1 मिलियन डॉलर का 274,213 मीट्रिक टन बासमती चावल एक्सपोर्ट किया। इससे अमेरिका भारतीय बासमती के लिए चौथा सबसे बड़ा बाजार बन गया। इसमें 54.6 मिलियन डॉलर का 61341 टन नॉन-बासमती चावल का एक्सपोर्ट शामिल है। लेटेस्ट डेटा के अनुसार 50 परसेंट टैरिफ के बावजूद वित्त वर्ष 25 में अप्रेल-अक्टूबर के सात महीनों में अमेरिका को भारत से चावल एक्सपोर्ट बढक़र 374 मिलियन डॉलर को गया है। फैडरेशन के अनुसार अमेरिका में भारतीय चावल की ज्यादातर डिमांड खाड़ी और दक्षिण एशियाई प्रवासियों के कारण है जो आमतौर पर बिरयानी के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। अमेरिका को एक्सपोर्ट एडवांस परचेज ऑर्डर के आधार पर होता है। अमेरिकी चावल भारतीय बासमती की सुगंध, दाने की लंबाई और स्वाद के मामले में कहीं नहीं ठहरता। फैडरेशन के अनुसार पहले अमेरिका भारतीय चावल पर 10 परसेंट टैरिफ लगाता था, जो अब बढक़र 50 परसेंट हो चुका है। टैरिफ में इतनी भारी बढ़ोतरी के बावजूद अमेरिका को भारत से चावल का एक्सपोर्ट बढ़ रहा है। मंगलवार को व्हाइट हाउस की राउंडटेबल बैठक में  प्रेसिडेंट ट्रंप ने अमेरिकी किसानों के लिए 12 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज की घोषणा की थी। इसी मौके पर ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन इस पहलू की जांच करेगा कि क्या भारत अमेरिका के बाजार में सस्ता चावल डंप कर रहा है। अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट के साथ बातचीत के दौरान ट्रंप ने इशारा किया कि भारत ऐसा नहीं कर सकता और आगे चलकर टैरिफ लगाए जा सकते हैं। ट्रंप ने पूछा, भारत को ऐसा करने की इजाजत क्यों है (‘अमेरिका में चावल डंप करने’ की)? उन्हें टैरिफ देना चाहिए। क्या उन्हें चावल पर कोई छूट मिली हुई है?


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