कहावतें सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण होती हैं। ये जीवन के अनुभवों ज्ञान और नैतिक मूल्यों को दर्शाती है, जो समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा साझा किये जाते हैं। कहावतें पीढ़ी दर पीढ़ी ज्ञान और मूल्यों के हस्तान्तरण में मदद करती हैं और समाज में एकता और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा भी देती है तथा कहावतें किसी विशेष संस्कृति की पहचान को भी दर्शाती हैं। कहावतें शिक्षा और ज्ञान के हस्तान्तरण का एक प्रभावी साधन भी होती हैं।‘अटका बनिया देय उधार’ एक प्रसिद्ध कहावत है जो व्यावसायिक लेनदेन व व्यवहार से सम्बंध रखती है। इस कहावत का सामान्य अर्थ है- विवशतावश अनचाहा कार्य करना पड़ता है। जब स्वयं का कोई कार्य फंसा या अटका हुआ हो और व्यक्ति को मजबूरीवश अनचाहा कार्य करना पड़े तब इस कहावत का प्रयोग किया जाता है।