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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

12-12-2025

सरसों की बिजाई बढ़ी, भविष्य में लंबी तेजी नहीं

  •  सरसों तथा इसके तेल पिछले 3 माह से रुक-रुक 2/4 रुपए प्रति किलो ऊपर नीचे भाव चल रहे है। ऊपर के भाव से सरसों के करीब 5 रुपए बाजार नीचे आ गए हैं। इधर बरसात अच्छी हुई है, जिससे सरकारी अनुमान से बिजाई भी 4.5 प्रतिशत एवं किसानों के अनुमान से 10-11 प्रतिशत अधिक अब तक हो चुकी है, इन सारी परिस्थितियों में सरसों में नई फसल तक लंबी तेजी नहीं लग रही है। इस बार देश में अच्छी बरसात होने से अब तक सरकार के अनुमान के मुताबिक 4.5 प्रतिशत पढक़र 79.90 लाख हेक्टेयर भूमि में सरसों की बिजाई हो चुकी है यह बिजाईगत वर्ष 76.43 लाख हैक्टेयर भूमि अब तक हुई थी, जबकि किसानों के मुताबिक औसतन 10 प्रतिशत बढक़र सरसों की बिजाई 90 लाख हेक्टेयर भूमि में इस बार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। सरसों तथा इसके तेल का स्टॉक कारोबारियों द्वारा भारी मात्रा में कर लिया गया था, जो अब बिक्री के अभाव में घबराहट में बेचने लगे हैं, जिस कारण पिछले 3 महीने के अंतराल उसमें 5 रुपए प्रति किलो घटकर भरतपुर अलवर लाइन में 42 प्रतिशत कंडीशन की सरसों 69.50/70 तथा जयपुर में 72 रुपए रह गई है। मार्च में तेल तिलहन सेमिनार में सरसों का उत्पादन 111 लाख मैट्रिक टन के करीब होने का अनुमान लगाया गया था लेकिन कुछ बड़े सटोरिए इसमें उत्पादन जबरदस्त कम बता कर बाजार को अलवर भरतपुर में नीचे में 53/54 रुपए बनने के बाद 75.50 रुपए तक ऊपर में पहुंचा दिए थे। इसी तरह जयपुर पहुंच में भी 42 प्रतिशत कंडीशन की सरसों 57 से बढक़र 76.50 तक ऊपर में बन गई थी। हम मानते हैं कि उत्पादन में कुछ कमी बाद में वास्तविकता में रही थी, लेकिन उतनी कमी नहीं थी, जितनी कि सटोरियों द्वारा इसको हवा दे दी गई। उसमें काफी छोटे स्टॉकिस्ट एवं तेल मिलर्स ऊपर के भाव में जाकर फंस गए हैं, जो अब दुखदाई बना हुआ है। जो सरसों जयपुर में 42 प्रतिशत कंडीशन वाली 76.50 रुपए बिक गई थी, उसके भाव वर्तमान में घटकर 72 रुपए प्रति कुंतल रह गए हैं। वास्तविकता यह है कि अन्य खाद्य तेलों की अपेक्षा तेल सरसों 24/25 रुपए किलो अभी भी ऊपर बिक रहा है। गत 3 महीने पहले इसमें 50 रुपए का अंतर हो गया था। दूसरे तेलों की बिक्री बढऩे लगी है तथा सरसों में स्टॉकिस्ट बिकवाल आ गए हैं। कच्ची मंडियों से भी घटाकर बेचू आने लगे हैं। इधर अच्छी बरसात होने से सरसों की बिजाई राजस्थान मध्य प्रदेश यूपी बिहार सभी उत्पादक क्षेत्रों में बढिय़ा हुई है, इसलिए आने वाले समय में सरसों का उत्पादन अधिक होगा। वर्तमान में 147 रुपए प्रति किलो जयपुर में जीएसटी अतिरिक्त रह गया है, जो ऊपर में ढाई महीने पहले 172 रुपए देख आया है। अत: पुराने भाव दोबारा नहीं आएंगे।

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सरसों की बिजाई बढ़ी, भविष्य में लंबी तेजी नहीं

 सरसों तथा इसके तेल पिछले 3 माह से रुक-रुक 2/4 रुपए प्रति किलो ऊपर नीचे भाव चल रहे है। ऊपर के भाव से सरसों के करीब 5 रुपए बाजार नीचे आ गए हैं। इधर बरसात अच्छी हुई है, जिससे सरकारी अनुमान से बिजाई भी 4.5 प्रतिशत एवं किसानों के अनुमान से 10-11 प्रतिशत अधिक अब तक हो चुकी है, इन सारी परिस्थितियों में सरसों में नई फसल तक लंबी तेजी नहीं लग रही है। इस बार देश में अच्छी बरसात होने से अब तक सरकार के अनुमान के मुताबिक 4.5 प्रतिशत पढक़र 79.90 लाख हेक्टेयर भूमि में सरसों की बिजाई हो चुकी है यह बिजाईगत वर्ष 76.43 लाख हैक्टेयर भूमि अब तक हुई थी, जबकि किसानों के मुताबिक औसतन 10 प्रतिशत बढक़र सरसों की बिजाई 90 लाख हेक्टेयर भूमि में इस बार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। सरसों तथा इसके तेल का स्टॉक कारोबारियों द्वारा भारी मात्रा में कर लिया गया था, जो अब बिक्री के अभाव में घबराहट में बेचने लगे हैं, जिस कारण पिछले 3 महीने के अंतराल उसमें 5 रुपए प्रति किलो घटकर भरतपुर अलवर लाइन में 42 प्रतिशत कंडीशन की सरसों 69.50/70 तथा जयपुर में 72 रुपए रह गई है। मार्च में तेल तिलहन सेमिनार में सरसों का उत्पादन 111 लाख मैट्रिक टन के करीब होने का अनुमान लगाया गया था लेकिन कुछ बड़े सटोरिए इसमें उत्पादन जबरदस्त कम बता कर बाजार को अलवर भरतपुर में नीचे में 53/54 रुपए बनने के बाद 75.50 रुपए तक ऊपर में पहुंचा दिए थे। इसी तरह जयपुर पहुंच में भी 42 प्रतिशत कंडीशन की सरसों 57 से बढक़र 76.50 तक ऊपर में बन गई थी। हम मानते हैं कि उत्पादन में कुछ कमी बाद में वास्तविकता में रही थी, लेकिन उतनी कमी नहीं थी, जितनी कि सटोरियों द्वारा इसको हवा दे दी गई। उसमें काफी छोटे स्टॉकिस्ट एवं तेल मिलर्स ऊपर के भाव में जाकर फंस गए हैं, जो अब दुखदाई बना हुआ है। जो सरसों जयपुर में 42 प्रतिशत कंडीशन वाली 76.50 रुपए बिक गई थी, उसके भाव वर्तमान में घटकर 72 रुपए प्रति कुंतल रह गए हैं। वास्तविकता यह है कि अन्य खाद्य तेलों की अपेक्षा तेल सरसों 24/25 रुपए किलो अभी भी ऊपर बिक रहा है। गत 3 महीने पहले इसमें 50 रुपए का अंतर हो गया था। दूसरे तेलों की बिक्री बढऩे लगी है तथा सरसों में स्टॉकिस्ट बिकवाल आ गए हैं। कच्ची मंडियों से भी घटाकर बेचू आने लगे हैं। इधर अच्छी बरसात होने से सरसों की बिजाई राजस्थान मध्य प्रदेश यूपी बिहार सभी उत्पादक क्षेत्रों में बढिय़ा हुई है, इसलिए आने वाले समय में सरसों का उत्पादन अधिक होगा। वर्तमान में 147 रुपए प्रति किलो जयपुर में जीएसटी अतिरिक्त रह गया है, जो ऊपर में ढाई महीने पहले 172 रुपए देख आया है। अत: पुराने भाव दोबारा नहीं आएंगे।


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