महुआ फूल का पिछले 3 महीने से नया टेपिग बंद हो गया है, क्यों की सीजन समाप्त हो गया है। जो भी माल है, कोल्ड स्टोरों एवं किसानों एवं कारोबारियों के स्टॉक में है। इस बार सीजन में प्रतिकूल मौसम होने से महुआ फूल की उपलब्धि कम रही है, लेकिन पुराना माल बचने से अभी तक माल खपत की मंडियों में पड़ते में जा रहा था। अब बाहरी ट्रेड के कारोबारियों का माल कट चुका है तथा खपत के लिए पूरा 6 महीने का समय बाकी है, उसे देखते हुए दिवाली तक 60 रुपए पार कर जाने की संभावना है तथा नई फसल से पहले महुआ 70 रुपए बिक सकता है। 15-20 मई के बाद से महुआ की टेपिंग पूरी तरह समाप्त हो गई तथा इस बार पुराना माल 15 जून तक निपट गया है, उसके बाद नया माल प्रोसेसिंग यूनिट में जाने लगा है। महुआ का उत्पादन सामान्यत: 92-93 लाख बोरी के करीब होने का अनुमान लगाया जा रहा है जो इस बार 70-71 लाख बोरी के करीब हुआ है, पुराना माल 10 लाख पूरी बचा था, जबकि गलत वर्ष नया पुराना मिलाकर 1.15 करोड़ बोरी आया था। इस बार उत्पादक व वितरक मंडियों में स्टॉक ज्यादा नहीं है तथा वाइन बनाने वाली कंपनियां भी हर भाव में खरीद कर रही है। गौरतलब है कि गुड़ के भाव ऊंचे हैं तथा हल्का गुड़ मंडियों में इस बार नहीं है। इधर वाइन निर्माता कंपनियों की लगातार लिवाली चल रही है, जिससे रायपुर लाइन में महुआ फूल चालू सप्ताह के अंतराल दो-ढाई रुपए बढक़र 54/55 रुपए प्रति किलो हो गया है। सहडोल लाइन में 52.50/53 रुपए महुआ फूल के भाव बोल रहे हैं। उधर दुमका गिरिडीह लाइन में 50.50/51.25 रुपए तक क्वालिटी अनुसार महुआ फूल बिक रहा है। बिहार के सासाराम रोहतास लाइन में माल ज्यादा स्टाक में नहीं है। इधर भागलपुर अमरपुर लाइन में भी महुआ की उपलब्धि कम रही है। यूपी के कानपुर हमीरपुर बांदा बदायूं एटा मैनपुरी के साथ-साथ लखनऊ सिद्धार्थ गोरखपुर देवरिया लाइन में इस बार कम आया है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में ही स्टाक में महुआ फूल है, वह भी गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में काफी कम है, इन परिस्थितियों में जो महुआ फूल रायपुर लाइन में 54/55 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, यह दिवाली से पहले 60 रुपए बन सकता है तथा नई फसल आने से पहले यानी मकर संक्रांति से पहले यह 70 रुपए प्रति किलो बिक सकता है। अत: वर्तमान भाव में महुआ फूल के कारोबारियों को कोई भी रिस्क नहीं लग रहा है तथा धैर्य से व्यापार करना चाहिए।