उत्पादक मंडियों में ही कच्चे नारियल की 2 महीने पहले से ही जबरदस्त शॉर्टेज से सूखा गोला वहीं पर ही यहां की अपेक्षा महंगे हो गए हैं, इन परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान भाव में अभी कम से कम 140/150 रुपए प्रति किलो की और तेजी लग रही है। विगत 5 वर्षों से गोले में किसानों को लाभ नहीं मिलने से 65-66 प्रतिशत गोला कच्चा ही उत्पादकों द्वारा बेच दिया गया, इस वजह से बाजार में भारी कमी बनी हुई है, जिस कारण बाजार रिकॉर्ड स्तर पर महंगे हो गए हैं, इस समय मंडियों से पड़ते के अभाव में माल भी कम आ रहा है। टिपटूर कालीकट लाइन में सूखा नारियल गोले का स्टॉक 72-73 प्रतिशत समाप्त हो गया है। उत्पादक मंडियों के व्यापारियों का मानना है कि सूखा नारियल 45-50 रुपए प्रति पीस थोक में किसानों का इस बार बिक गया, जिससे टिपटूर एवं कालीकट लाइन के व्यापारी 65-66 प्रतिशत माल फरवरी मार्च में ही बीच गए। पिछले 5 वर्षों से गोले के किसानों एवं प्रोसेसर्स को भारी नुकसान लगा था, उनकी लागत नहीं आ रही थी, क्योंकि गोला बहुत दिन तक बीते वर्ष 90/135 रुपए प्रति किलो के बीच एक्स फैक्ट्री बिकता रहा। दूसरी ओर ट्रेडर्स भी 110 से 160 रुपए प्रति किलो के बीच बेच रहे थे, जिस कारण कारोबारियों का मनोबल टूट गया था। थोक कारोबारी भाव पूछने पर भी रुखा जवाब देते थे। तत्पश्चात नए संवत से जो गोला होली पर 150/555 रुपए प्रति किलो बिका था, उसके भाव 330/340 रुपए हो गया है। हल्के माल 290/300 रुपए भी यहां बोल रहे हैं, लेकिन उसमें पांच प्रतिशत काला माल निकल रहा है, बढिय़ा गोल 400/410 रुपए प्रति किलो बिकने लगा है। नई फसल आने में अभी 7-8 महीने का समय बाकी है, इन परिस्थितियों को देखते हुए गोला आगे चलकर और शॉर्टेज में आ जाएगा। जो दिल्ली में गोला 350 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, उस क्वालिटी का टिपटूर कालीकट लाइन से माल मांगने पर 415 रुपए का पड़ता आ रहा है। व्यापारियों का मानना है कि उत्पादन 5 साल में धीरे-धीरे घटते हुए उत्पादन 32/33 प्रतिशत केवल सूखे गोले का रह गया है। यही कारण है कि यह तेजी टिकाऊ आई है। इस समय उत्पादक मंडियों से पड़ता बिल्कुल नहीं है क्योंकि वहीं से बिहार बंगाल मध्य प्रदेश पंजाब एवं हरियाणा में चालानी में जा रहा है। वहीं पर माल नहीं मिल रहा है, उत्पादन के समय में ही व्यापारी हरा नारियल लगातार बेचते चले गए हैं, क्योंकि कच्चे नारियल का पिछले पांच सालों में खपत में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस वजह से सूखा नारियल गोला शॉर्टेज में आ चुका है, अभी आगे श्रावणी खपत रहेगी, उसके बाद नवरात्रि की खपत आ जाएगी, उसके बाद सर्दियों में शादियां शुरू हो जाएगी।, इन परिस्थितियों में मकर संक्रांति तक गोला की भारी किल्लत रहने वाली है। इस वजह से जो यहां 350/355 रुपए प्रति किलो गोला बोल रहे हैं, वह दिवाली से पहले 500 रुपए प्रति किलो बन सकता है।