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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

28-05-2025

नेचुरल पिपरैटा तेल का श्रीगणेश, घास के प्लांट शुरु

  •  बरेली-आंंवला-कुंवरगांव तथा बदायूं की मेंथा मंडियों में पिपरैटा तेल की बिक्री किसानों द्वारा शुरू हो चुकी है। बरेली मंडल में पिपरैटा फसल की खेती पीलीभीत रोड पर सिलारगंज से आगे अमरिया, रिचा रोड, जहानाबाद से सितारगंज के पास देहाती क्षेत्र में निसरा नगरिया, चक कट्इया, कुन्हरा कोठी, पिंजरा, पट्टी, हंसा की गोटिया, बरात बोज, सुरसमपुर, सुकटिया, चुरैली, निजामवाड़ी ढकिया के देहाती क्षेत्रों में खेती किसानों द्वारा हो रही है। आज की महंगाई के दौर में बढ़ी मजदूरी के चलते पिपरैटा तेल का भाव 2600 से 2700 प्रति किलोग्राम तक सुना जा रहा है। आजकल छोटी-बड़ी देहाती कस्बों में हजार से दो हजार किलोग्राम तक एक से डेढ़ फ्यूरॉन तक का तेल आवक  हो रहा है। आंवला-कुंवर गांव के आसपास देहात में फैला हुआ पिपरैटा खेती का क्षेत्रफल बिसौली, बगरैन, इटउंवा बडख़ेरा, गोंदिया, पैपल, बरीपुरा, मुडिय़ा, करेंगी, पत्तौरा, मानकपुर, सरोरी, उदयपुर, सिसैया, पौधा, किशनपुरा, पंखेरा, कसूमरा, मनाना कनगांव, कटसानी, कुंवर गांव, कसेर, तेली, फरीदपुर, चकोलर पनवरियां, देवी, शिवलिया टिकुरी, उसैता, उल्ला, रसूल्ला आदि देहात क्षेत्रों में पिपरैटा खेती हो रही है। बीते दो-तीन दिनों में कुछ आयुर्वेदिक कंपनियों ने खेतों में खड़ी फसल को खरीदकर, कटवाकर तथा सुखाकर पैकिंग करके पिपरैटा की फसल खरीदी थी। गत वर्ष सीजन में 2200 से 2300 रुपए बिकने वाला पिपरैटा 3000 से 3200 तक बिका था जो आज 2600 से 2700 रुपए तक बिक रहा है। नेचुरल पिपरैटा तेल की पाइपलाइन खाली है तथा पंजाब में भी स्टॉक बिक चुका है। पंजाब तथा बदायूं क्षेत्र में व्यापारी , स्टॉकिस्ट व निर्यातक मालों से खाली है। इसलिए अधिक मंदे की संभावनाएं कम हंै। अगर पिपरैटा फसल के पौधों में तेल की रिकवरी घटकर आई तो मंदा आने की संभावना कम है। देश-विदेश के सीजन में मांग-आपूर्ति बनी तो भाव जो बने हुए हैं चलते रहेंगे। मैंथा की फसल का पलायन तो मक्की में हो चुका है। इसलिए अब डी एम ओ की सप्लाई के बिना पिपरैटा-कारोबार में कैसे व्यापार होगा ऐसा व्यापारी मान रहे हैं। मैंथा तेल का उत्पादन इस वर्ष मैंथा के पुराने व नए कारोबारी हफ्ते भर में खेल निपटता हुआ बहुत कम तेल का उत्पादन मान रहे हैं। बाराबंकी लाइन पर चलता संभल चंदौसी व रामपुर का व्यापार इस वर्ष सप्लाई पूरी नहीं कर पाएंगे चूंकि बीते चार-पाँच वर्षों से कटता मैंथा तेल का स्टॉक खाली है। जून-जुलाई का तेल ऊंचा बिकना चाहिए।

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नेचुरल पिपरैटा तेल का श्रीगणेश, घास के प्लांट शुरु

 बरेली-आंंवला-कुंवरगांव तथा बदायूं की मेंथा मंडियों में पिपरैटा तेल की बिक्री किसानों द्वारा शुरू हो चुकी है। बरेली मंडल में पिपरैटा फसल की खेती पीलीभीत रोड पर सिलारगंज से आगे अमरिया, रिचा रोड, जहानाबाद से सितारगंज के पास देहाती क्षेत्र में निसरा नगरिया, चक कट्इया, कुन्हरा कोठी, पिंजरा, पट्टी, हंसा की गोटिया, बरात बोज, सुरसमपुर, सुकटिया, चुरैली, निजामवाड़ी ढकिया के देहाती क्षेत्रों में खेती किसानों द्वारा हो रही है। आज की महंगाई के दौर में बढ़ी मजदूरी के चलते पिपरैटा तेल का भाव 2600 से 2700 प्रति किलोग्राम तक सुना जा रहा है। आजकल छोटी-बड़ी देहाती कस्बों में हजार से दो हजार किलोग्राम तक एक से डेढ़ फ्यूरॉन तक का तेल आवक  हो रहा है। आंवला-कुंवर गांव के आसपास देहात में फैला हुआ पिपरैटा खेती का क्षेत्रफल बिसौली, बगरैन, इटउंवा बडख़ेरा, गोंदिया, पैपल, बरीपुरा, मुडिय़ा, करेंगी, पत्तौरा, मानकपुर, सरोरी, उदयपुर, सिसैया, पौधा, किशनपुरा, पंखेरा, कसूमरा, मनाना कनगांव, कटसानी, कुंवर गांव, कसेर, तेली, फरीदपुर, चकोलर पनवरियां, देवी, शिवलिया टिकुरी, उसैता, उल्ला, रसूल्ला आदि देहात क्षेत्रों में पिपरैटा खेती हो रही है। बीते दो-तीन दिनों में कुछ आयुर्वेदिक कंपनियों ने खेतों में खड़ी फसल को खरीदकर, कटवाकर तथा सुखाकर पैकिंग करके पिपरैटा की फसल खरीदी थी। गत वर्ष सीजन में 2200 से 2300 रुपए बिकने वाला पिपरैटा 3000 से 3200 तक बिका था जो आज 2600 से 2700 रुपए तक बिक रहा है। नेचुरल पिपरैटा तेल की पाइपलाइन खाली है तथा पंजाब में भी स्टॉक बिक चुका है। पंजाब तथा बदायूं क्षेत्र में व्यापारी , स्टॉकिस्ट व निर्यातक मालों से खाली है। इसलिए अधिक मंदे की संभावनाएं कम हंै। अगर पिपरैटा फसल के पौधों में तेल की रिकवरी घटकर आई तो मंदा आने की संभावना कम है। देश-विदेश के सीजन में मांग-आपूर्ति बनी तो भाव जो बने हुए हैं चलते रहेंगे। मैंथा की फसल का पलायन तो मक्की में हो चुका है। इसलिए अब डी एम ओ की सप्लाई के बिना पिपरैटा-कारोबार में कैसे व्यापार होगा ऐसा व्यापारी मान रहे हैं। मैंथा तेल का उत्पादन इस वर्ष मैंथा के पुराने व नए कारोबारी हफ्ते भर में खेल निपटता हुआ बहुत कम तेल का उत्पादन मान रहे हैं। बाराबंकी लाइन पर चलता संभल चंदौसी व रामपुर का व्यापार इस वर्ष सप्लाई पूरी नहीं कर पाएंगे चूंकि बीते चार-पाँच वर्षों से कटता मैंथा तेल का स्टॉक खाली है। जून-जुलाई का तेल ऊंचा बिकना चाहिए।


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