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Daily Business Newspaper | A Knowledge Powerhouse in Hindi

16-05-2025

बारीक चावल में और तेजी की संभावना प्रबल हुई

  •  बारीक चावल के भाव ऑपरेशन सिंदूर के बाद निचले स्तर पर आ चुके थे, लेकिन सीजफायर के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी भारतीय चावल में मांग अच्छी निकलने लगी है। वहीं पाश्चात्य देशों के नए सौदे लगातार होने लगे हैं, इस वजह से घरेलू निर्यातक माल पकडऩे लगे हैं। उधर धान की मिलिंग हेतु स्टॉकिस्टों लिवाली चल रही है है, जिसके चलते दो के अंतराल 200 रुपए और बढक़र 1718 प्रजाति के सेला चावल 6400/6500 यूपी हरियाणा पंजाब में अलग-अलग राइस मिलों के बिक गए। इसी लाइन पर 1000 रुपए और बढऩे के आसार बन गए हैं। हम मानते हैं कि खरीफ सीजन में धान का उत्पादन बंपर हुआ है, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन यूपी उत्तरांचल में साठी धान की बिजाई इस बार 35-36 प्रतिशत ही रह जाने की खबर आ रही है, जिससे गर्मी में आने वाला बारीक चावल बहुत कम आएगा। दूसरी ओर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हालात पूरी तरह खराब हो गई है, जिससे वहां से चावल का व्यापार ठप्प पड़ गया है। अधिक्तर बंदरगाह एवं एयरवेज सब नष्ट हो गए हैं। गौरतलब है कि 31 मार्च तक चावल का निर्यात कम होने से सीजन से अब तक चावल सेला में 23/24 रुपए प्रति किलो की थोक में रिकॉर्ड गिरावट नाजायज आ गई थी, अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिति अच्छी होने लगी है तथा यूपी हरियाणा पंजाब राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में 1509 सहित सभी धान के स्टॉक तेजी से कटने लगे हैं, अब धान एवं चावल की कमी से बेचू नहीं आ रहे हैं, जिससे बाजार निरंतर बढऩे लगा है। अभी भी इन भावों में राइस मिलों को 250/300 रुपए का मीलिंग महंगा लग रहा है। घरेलू निर्यात मांग से अब पिछले एक माह के अंतराल 1000/1100 रुपए बढ़ाकर 1718 सेला चावल 6400/6500 रुपए एवं इसका स्टीम 6200 रुपए तथा 1401 चावल स्टीम 7000/7200 रुपए बोलने लगे हैं। इसके बाद पिछले सप्ताह पाकिस्तान से युद्ध की स्थिति बनने में थोड़ा बाजार मुलायम हुआ था, लेकिन दो दिनों से पुन: छलांग लगा गया है। ताज-शरबती चावल में भी 600/700 रुपए की तेजी आ गई है। धान में कोई भी स्टॉकिस्ट बेचू नहीं आ रहे हैं, जिसका कारण मिलर्स अब घटाकर माल बेचने को इच्छुक न होने तथा गर्मी बढऩे से घरेलू और निर्यात मांग निकलते ही बाजार बढऩे लगे हैं। चालू सप्ताह चावल 1718 सेला, जो नीचे में 6100/6200 रुपए प्रति क्विंटल बिक गया था, उसके भाव 6300/6500 रुपए प्लस हो गए हैं। इसी तरह चावल 1509 सेला के भाव भी पिछले महीने नीचे में 5650 रुपए देखने के बाद वर्तमान में 5800/5900 रुपए हो गए हैं। हरियाणा पंजाब की राइस मिलें दोपहर बाद से 200 रुपए प्रति क्विंटल और बढ़ाकर सभी बारीक चावल के भाव बोलने लगी हैं। जो यूपी की राइस मिलों से 1509 चावल पिछले सप्ताह में 5650 रुपए बिका था वह बढ़ाकर हरियाणा की अधिकतर राइस मिलें एक्स गोदाम 5800/5900 रुपए बोलने लगी हैं। जो धान करनाल कुरुक्षेत्र एवं तरावड़ी लाइन में 3000/3050 रुपए बिक गया था, उसके भाव 3200/3300 रुपए बोलने लगे हैं तथा कैथल टोहाना चीका सफीदों लाइन में 3250/3280 रुपए तक भाव बोलने लगे हैं। इधर यूपी के रुद्रपुर बरेली बहजोई काशीपुर टांडा की राइस मिलों में भी 3000/3050 से बढक़र 3160/3200 रुपए मिल पहुंच में धान की खरीद हुई है तथा कुछ कारोबारी भी स्टॉक के माल 100/150 रुपए और बढ़ाकर बोल रहे हैं। यही कारण है कि स्टीम चावल के भाव भी डेढ़ माह के अंदर 1000/1100 रुपए तेज हो गए हैं तथा 1847 एवं 1401  चावल सेला व स्टीम के भाव भी तेज हो गए हैं। चर्चा है कि ईरान में माल की भारी कमी बन गई है तथा भारतीय चावल की अपेक्षा और किसी देशों से 240/300 रुपए तक ऊंचे पड़ते का मिल रहा है तथा  पाकिस्तान की स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए दूसरे देशों के लिए शिपमेंट नहीं हो रहे हैं। वहां चावल गत 7 माह के अंतराल काफी मंदे में 86 प्रतिशत निपट चुके हैं, जिससे आयातक देशों को अब सस्ता सेला व स्टीम चावल बासमती प्रजाति का मिलना मुश्किल हो गया है, इसे देखते हुए बड़े निर्यातक पिछले 2 दिनों से फिर खरीद कर रहे हैं। दूसरी ओर ईरान पूरी तरह से खाली है। अत: 1000 रुपए प्रति कुंतल जून के मध्य तक और तेजी लग रही है।

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बारीक चावल में और तेजी की संभावना प्रबल हुई

 बारीक चावल के भाव ऑपरेशन सिंदूर के बाद निचले स्तर पर आ चुके थे, लेकिन सीजफायर के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी भारतीय चावल में मांग अच्छी निकलने लगी है। वहीं पाश्चात्य देशों के नए सौदे लगातार होने लगे हैं, इस वजह से घरेलू निर्यातक माल पकडऩे लगे हैं। उधर धान की मिलिंग हेतु स्टॉकिस्टों लिवाली चल रही है है, जिसके चलते दो के अंतराल 200 रुपए और बढक़र 1718 प्रजाति के सेला चावल 6400/6500 यूपी हरियाणा पंजाब में अलग-अलग राइस मिलों के बिक गए। इसी लाइन पर 1000 रुपए और बढऩे के आसार बन गए हैं। हम मानते हैं कि खरीफ सीजन में धान का उत्पादन बंपर हुआ है, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन यूपी उत्तरांचल में साठी धान की बिजाई इस बार 35-36 प्रतिशत ही रह जाने की खबर आ रही है, जिससे गर्मी में आने वाला बारीक चावल बहुत कम आएगा। दूसरी ओर ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हालात पूरी तरह खराब हो गई है, जिससे वहां से चावल का व्यापार ठप्प पड़ गया है। अधिक्तर बंदरगाह एवं एयरवेज सब नष्ट हो गए हैं। गौरतलब है कि 31 मार्च तक चावल का निर्यात कम होने से सीजन से अब तक चावल सेला में 23/24 रुपए प्रति किलो की थोक में रिकॉर्ड गिरावट नाजायज आ गई थी, अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिति अच्छी होने लगी है तथा यूपी हरियाणा पंजाब राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में 1509 सहित सभी धान के स्टॉक तेजी से कटने लगे हैं, अब धान एवं चावल की कमी से बेचू नहीं आ रहे हैं, जिससे बाजार निरंतर बढऩे लगा है। अभी भी इन भावों में राइस मिलों को 250/300 रुपए का मीलिंग महंगा लग रहा है। घरेलू निर्यात मांग से अब पिछले एक माह के अंतराल 1000/1100 रुपए बढ़ाकर 1718 सेला चावल 6400/6500 रुपए एवं इसका स्टीम 6200 रुपए तथा 1401 चावल स्टीम 7000/7200 रुपए बोलने लगे हैं। इसके बाद पिछले सप्ताह पाकिस्तान से युद्ध की स्थिति बनने में थोड़ा बाजार मुलायम हुआ था, लेकिन दो दिनों से पुन: छलांग लगा गया है। ताज-शरबती चावल में भी 600/700 रुपए की तेजी आ गई है। धान में कोई भी स्टॉकिस्ट बेचू नहीं आ रहे हैं, जिसका कारण मिलर्स अब घटाकर माल बेचने को इच्छुक न होने तथा गर्मी बढऩे से घरेलू और निर्यात मांग निकलते ही बाजार बढऩे लगे हैं। चालू सप्ताह चावल 1718 सेला, जो नीचे में 6100/6200 रुपए प्रति क्विंटल बिक गया था, उसके भाव 6300/6500 रुपए प्लस हो गए हैं। इसी तरह चावल 1509 सेला के भाव भी पिछले महीने नीचे में 5650 रुपए देखने के बाद वर्तमान में 5800/5900 रुपए हो गए हैं। हरियाणा पंजाब की राइस मिलें दोपहर बाद से 200 रुपए प्रति क्विंटल और बढ़ाकर सभी बारीक चावल के भाव बोलने लगी हैं। जो यूपी की राइस मिलों से 1509 चावल पिछले सप्ताह में 5650 रुपए बिका था वह बढ़ाकर हरियाणा की अधिकतर राइस मिलें एक्स गोदाम 5800/5900 रुपए बोलने लगी हैं। जो धान करनाल कुरुक्षेत्र एवं तरावड़ी लाइन में 3000/3050 रुपए बिक गया था, उसके भाव 3200/3300 रुपए बोलने लगे हैं तथा कैथल टोहाना चीका सफीदों लाइन में 3250/3280 रुपए तक भाव बोलने लगे हैं। इधर यूपी के रुद्रपुर बरेली बहजोई काशीपुर टांडा की राइस मिलों में भी 3000/3050 से बढक़र 3160/3200 रुपए मिल पहुंच में धान की खरीद हुई है तथा कुछ कारोबारी भी स्टॉक के माल 100/150 रुपए और बढ़ाकर बोल रहे हैं। यही कारण है कि स्टीम चावल के भाव भी डेढ़ माह के अंदर 1000/1100 रुपए तेज हो गए हैं तथा 1847 एवं 1401  चावल सेला व स्टीम के भाव भी तेज हो गए हैं। चर्चा है कि ईरान में माल की भारी कमी बन गई है तथा भारतीय चावल की अपेक्षा और किसी देशों से 240/300 रुपए तक ऊंचे पड़ते का मिल रहा है तथा  पाकिस्तान की स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए दूसरे देशों के लिए शिपमेंट नहीं हो रहे हैं। वहां चावल गत 7 माह के अंतराल काफी मंदे में 86 प्रतिशत निपट चुके हैं, जिससे आयातक देशों को अब सस्ता सेला व स्टीम चावल बासमती प्रजाति का मिलना मुश्किल हो गया है, इसे देखते हुए बड़े निर्यातक पिछले 2 दिनों से फिर खरीद कर रहे हैं। दूसरी ओर ईरान पूरी तरह से खाली है। अत: 1000 रुपए प्रति कुंतल जून के मध्य तक और तेजी लग रही है।


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