उड़द का स्टॉक उत्पादक व वितरक मंडियों में नहीं होने से बाजार मजबूत होने लगा है। बाजार में हाजिर माल की उपलब्धि ज्यादा नहीं है। दाल धोया एवं छिलका की मांग निकलने से बाजार मजबूत बोलने लगे हैं तथा यहां से 300 रुपए तेज लग रहा है। उडद का उत्पादन मुख्य रूप से मध्य प्रदेश महाराष्ट्र यूपी आंध्र प्रदेश कर्नाटक में होता है, लेकिन बड़ी फसल महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश में सितंबर में आती ह गत सीजन की उडद देसी सब खप चुकी है। दूसरी ओर म्यांमार का पुराना माल भी बिक गया है। कारोबारी हैंड टू माउथ चल रहे हैं तथा दाल मिलों के पास भी मीलिंग के लिए मुश्किल से 10-12 दिन का माल है। यही कारण है कि जो कंटेनर चेन्नई से मिल रहे हैं, उसकी लिवाली दाल मिल वाले लगातार करते जा रहे हैं। गौरतलब है कि म्यांमार में उड़द की नई फसल आने वाली है, लेकिन सट्टा बाजार के अंतर्गत तेजी मंदी का आंकलन करना बहुत मुश्किल हो गया है, क्योंकि सटोरिये माल नहीं होने पर भी बाजार को एडवांस में मंदा करके व्यापारी वर्ग के मनोबल को तोड़ दिए हैं। अब सट्टे में माल की डिलीवरी पूरी हो चुकी है, सटोरियों द्वारा पीछे से माल मंदे भाव में झटक लिया गया है। इस वजह से अगाउं सौदे बढ़ाकर बोलने लगे हैं। उधर बर्मा में उड़द के भाव 15-20 बढक़र एसक्यू के 875 डॉलर एवं एफ ए क्यू के 785 डॉलर प्रति टन सी एंड एफ हो गए हैं। चेन्नई में यह माल कम से कम 7050/7100 रुपए एवं स्क्यू 8050 रुपए प्रति क्विंटल के पड़ते में आकर पड़ेगी। यही कारण है कि आज कंटेनर एवं एक्स गोदाम के भाव वहां बढ़ाकर बोलने लगे हैं। इधर पाइप लाइन में माल नहीं है तथा देसी उड़द 8 महीने से पहले कोईआने वाली नहीं है जो उडद एसक्यू पिछले महीने 9000 रुपए प्रति किलो बिका था, उसके भाव 8200 रुपए प्रति किलो नीचे में कल बन गए थे, तत्पश्चात नीचे वाले भाव में दाल मिलों की चौतरफा पूछपरख आने से आज 8325 रुपए बढ़ गया है। इसी तरह एफएक्यू क्वालिटी की 8300 रुपए से गिर कर 7200 बनने के बाद आज बढक़र 7450 रुपए का व्यापार हो गया है। इधर बर्मा में भी इसके भाव बढ़ गए हैं, जिस कारण चेन्नई में भी 150 रुपए प्रति कुंतल बढ़ाकर बोलने लगे हैं। उड़द की रंगूनी फसल मार्च में आएगी, उससे पहले इंडिया में कोई फसल आने वाली नहीं है। हरे रंग की उड़द मई में आती है, खरीफ सीजन की फसल आठ महीने बाद आएगी तथा इधर पाइप लाइन में माल ज्यादा नहीं है, इस वजह से सटोरिए थोड़ा माल मंदे भाव में बेचकर बाजार तोडक़र पीछे से माल पकडऩे की फिराक में हैं, लेकिन हाजिर माल की कमी से बाजार यहां से 300 रुपए होली से पहले तेज लग रहा है।