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06-02-2025

गुजरात में सौंफ की बिजाई 57 प्रतिशत लुढक़ी तेजी के लिए कुछ समय की प्रतीक्षा करनी होगी

  •  कीमत आकर्षक नहीं मिलने के कारण चालू सीजन की अभी तक की अवधि में गुजरात में सौंफ की नई फसल की बिजाई में 57 प्रतिशत की भारी-भरकम गिरावट आई है। राज्य कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। यह आंकड़े आगे बताते हैं कि सौंफ की नवीनतम बिजाई तीन वर्षों की औसत की अपेक्षा भी करीब 22.36 प्रतिशत पिछड़ी हुई है। अपने नवीनतम आंकड़ों में राज्य कृषि विभाग ने बताया है कि चालू सीजन की 20 जनवरी तक की अवधि में गुजरात में सौंफ की कुल 57,200 हेक्टेयर में बिजाई हुई है। एक वर्ष पूर्व के जनवरी महीने के अंत तक राज्य में इसकी 1,33,200 हेक्टेयर में बुआई हुई थी। इससे पता चलता है कि बीते सीजन की तुलना में इस बार अभी तक गुजरात में सौंफ की बिजाई में 76 हजार हेक्टेयर या 57.05 प्रतिशत की भारी-भरकम गिरावट आई है। इतना ही नहीं, सौंफ की नवीनतम बिजाई पिछले तीन वर्षों की औसत की अपेक्षा भी पिछड़ी हुई है। वर्ष की वर्तमान समयावधि के दौरान गुजरात में सौंफ की बिजाई की औसत 73,677 हेक्टेयर की है। इसकी तुलना में इस बार इसकी नवीनतम 57,200 हेक्टेयर बिजाई हुई है। इससे पता चलता है कि तीन वर्षों की औसत की अपेक्षा इस बार राज्य में सौंफ की बुआई में 22.36 प्रतिशत की कमी आई है। गुजरात के अलावा उत्तर प्रदेश में भी सौंफ का उत्पादन होता है। आधिकारिक तौर पर उत्तर प्रदेश में इस प्रमुख किराना जिंस की बुआई की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन व्यापारिक सूत्रों से प्राप्त सूचना के अनुसार वहां भी इसकी बिजाई में करीब एक तिहाई की कमी आई है। व्यापारिक सूत्रों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान सौंफ की घरेलू कीमत आकर्षक बनी होने के कारण इसके निर्यात में भारी उछाला आया है। मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्तूबर, 2024 अवधि में देश से 561.74 करोड़ रुपए मूल्य की 59,830.98 टन सौंफ का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य छमाही में इसकी 24,091.58 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 420.71 करोड़ रुपए की आय हुई थी। इससे पता चलता है कि इस बार सौंफ के मात्रात्मक निर्यात में 148 प्रतिशत का उछाल आया है। आय भी 34 प्रतिशत उछल गई है। व्यापारियों ने कहा कि निर्यात में आए इस उछाल के पीछे मुख्यत: इसकी घरेलू कीमत आकर्षक बनी होना है। पिछले सीजन के दौरान हुए ऊंचे उत्पादन के कारण सौंफ की घरेलू कीमत में यह कमी आई है। हालांकि नए सीजन में सौंफ की कीमत फिर से तेज होने के आसार अभी से नजर आने लगे हैं। व्यापारियों का मानना है कि इस बार अन्य प्रमुख किराना जिंसों की तरह ही सौंफ की नई फसल भी शुरू होने में कुछ देरी हो सकती है क्योंकि बिजाई के समय मौसम अनुकूल नहीं रहा था। इसलिए व्यापारियों को सौंफ में संभावित तेजी के लिए कुछ और समय की प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।

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गुजरात में सौंफ की बिजाई 57 प्रतिशत लुढक़ी तेजी के लिए कुछ समय की प्रतीक्षा करनी होगी

 कीमत आकर्षक नहीं मिलने के कारण चालू सीजन की अभी तक की अवधि में गुजरात में सौंफ की नई फसल की बिजाई में 57 प्रतिशत की भारी-भरकम गिरावट आई है। राज्य कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। यह आंकड़े आगे बताते हैं कि सौंफ की नवीनतम बिजाई तीन वर्षों की औसत की अपेक्षा भी करीब 22.36 प्रतिशत पिछड़ी हुई है। अपने नवीनतम आंकड़ों में राज्य कृषि विभाग ने बताया है कि चालू सीजन की 20 जनवरी तक की अवधि में गुजरात में सौंफ की कुल 57,200 हेक्टेयर में बिजाई हुई है। एक वर्ष पूर्व के जनवरी महीने के अंत तक राज्य में इसकी 1,33,200 हेक्टेयर में बुआई हुई थी। इससे पता चलता है कि बीते सीजन की तुलना में इस बार अभी तक गुजरात में सौंफ की बिजाई में 76 हजार हेक्टेयर या 57.05 प्रतिशत की भारी-भरकम गिरावट आई है। इतना ही नहीं, सौंफ की नवीनतम बिजाई पिछले तीन वर्षों की औसत की अपेक्षा भी पिछड़ी हुई है। वर्ष की वर्तमान समयावधि के दौरान गुजरात में सौंफ की बिजाई की औसत 73,677 हेक्टेयर की है। इसकी तुलना में इस बार इसकी नवीनतम 57,200 हेक्टेयर बिजाई हुई है। इससे पता चलता है कि तीन वर्षों की औसत की अपेक्षा इस बार राज्य में सौंफ की बुआई में 22.36 प्रतिशत की कमी आई है। गुजरात के अलावा उत्तर प्रदेश में भी सौंफ का उत्पादन होता है। आधिकारिक तौर पर उत्तर प्रदेश में इस प्रमुख किराना जिंस की बुआई की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन व्यापारिक सूत्रों से प्राप्त सूचना के अनुसार वहां भी इसकी बिजाई में करीब एक तिहाई की कमी आई है। व्यापारिक सूत्रों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान सौंफ की घरेलू कीमत आकर्षक बनी होने के कारण इसके निर्यात में भारी उछाला आया है। मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्तूबर, 2024 अवधि में देश से 561.74 करोड़ रुपए मूल्य की 59,830.98 टन सौंफ का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य छमाही में इसकी 24,091.58 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 420.71 करोड़ रुपए की आय हुई थी। इससे पता चलता है कि इस बार सौंफ के मात्रात्मक निर्यात में 148 प्रतिशत का उछाल आया है। आय भी 34 प्रतिशत उछल गई है। व्यापारियों ने कहा कि निर्यात में आए इस उछाल के पीछे मुख्यत: इसकी घरेलू कीमत आकर्षक बनी होना है। पिछले सीजन के दौरान हुए ऊंचे उत्पादन के कारण सौंफ की घरेलू कीमत में यह कमी आई है। हालांकि नए सीजन में सौंफ की कीमत फिर से तेज होने के आसार अभी से नजर आने लगे हैं। व्यापारियों का मानना है कि इस बार अन्य प्रमुख किराना जिंसों की तरह ही सौंफ की नई फसल भी शुरू होने में कुछ देरी हो सकती है क्योंकि बिजाई के समय मौसम अनुकूल नहीं रहा था। इसलिए व्यापारियों को सौंफ में संभावित तेजी के लिए कुछ और समय की प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।


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