नीलामियों में छोटी इलायची की आवक में हाल ही के दिनों में फिर से वृद्धि देखी जा रही है। इसके बाद भी औसत नीलामी कीमत में तेजी आती जा रही है। आगामी दिनों में हाजिर में छोटी इलायची मजबूत ही बनी रहने के आसार हैं लेकिन अब व्यापारियों को माल भी बेचते रहना चाहिए। दक्षिण तथा तटीय भारत में उत्तर-दक्षिणी मानसून चालू है। पूर्व में रहे प्रतिकूल मौसम की वजह से छोटी इलायची की नई फसल को हानि होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा हैं। हालांकि किसानों ने अपनी इस फसल की बिकवाली भी हाल ही में बढ़ा दी है। इसकी वजह से नीलामियों में इस प्रमुख किराना जिंस की आवक में हाल ही में कुछ वृद्धि देखी गई है। आज हुई ग्रीनहाऊस कार्डमम मार्केटिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नीलामी में छोटी इलायची की आवक बढक़र 69,963 किलोग्राम की होने की सूचना मिली। आवक तुलनात्मक रूप से ऊंची होने के बाद भी लिवाली बढऩे से इसकी औसत नीलामी कीमत उछलकर 2721.46 रुपए प्रति किलोग्राम हो जाने की सूचना मिली। इससे पूर्व 7 नवम्बर को हुई इस नीलामी में यह कीमत 2503.10 रुपए थी तथा इसकी 49227 किलोग्राम की आवक हुई थी। छोटी इलायची की नई फसल की आवक का दबाव काफी हद तक बन चुका है। इस बार छोटी इलायची की फसल का श्रीगणेश सामान्य की अपेक्षा देरी से हुआ है। इस बार मौसम फसल के अनुकूल नहीं होने के कारण केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में छोटी इलायची की आने वाली फसल को हानि होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। दूसरी ओर, ग्वाटेमाला द्वारा कुछ समय पूर्व अपनी छोटी इलायची की कीमत में वृद्धि किए जाने से भी स्थानीय छोटी इलायची की तेजी को समर्थन मिल रहा है। इसकी वजह से भारतीय छोटी इलायची की निर्यात मांग बढऩे के आसार हैं। राजधानी स्थित थोक किराना बाजार में लिवाली का समर्थन कमजोर पडऩे से छोटी इलायची साढ़े सात एमएम फिलहाल में 300-350 रुपए उछलकर फिलहाल 2850/2900 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर बनी हुई है। इससे पूर्व इसमें 125 रुपए की तेजी आई थी। मसाला बोर्ड के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2024-25 के आरंभिक पांच महीनों के दौरान देश से 425.02 करोड़ रुपए मूल्य की कुल 2366.98 टन छोटी इलायची का निर्यात हुआ है। एक वर्ष पूर्व की आलोच्य अवधि में इसकी 1720.88 टन मात्रा का निर्यात हुआ था और इससे 222.64 करोड़ रुपए की आय हुई थी। आने वाले दिनों में छोटी इलायची मजबूत ही बनी रहने के आसार तो दिख रहे हैं लेकिन व्यापारियों को इसकी बिक्री भी करते रहना चाहिए।