गुजरात में के कुछ क्षेत्रों में चालू रबी सीजन की किराना फसलों की बिजाई की दृष्टि से हाल ही में अनुकूल हुआ है। यही वजह है कि राज्य मे ंसौंफ की बुआई शुरू हो गई है। चालू सीजन की अभी तक की अवधि में गुजरात में सौंफ की करीब 1432 हेक्टेयर में बिजाई हुई है। यह जानकारी राज्य कृषि विभाग ने दी है। अभी तक हुई सौंफ की बिजाई की एक विशेषता यह है कि यह बीते तीन वर्षों की औसत तथा बीते सीजन की आलोच्य अवधि, दोनों, की तुलना में उल्लेखनीय तौर पर पिछड़ी हुई है। राज्य कृषि विभाग ने बताया है कि वर्तमान सीजन की अभी तक की अवधि में गुजरात में प्रमुख किराना जिंस, सौंफ, की केवल 1432 हेक्टेयर में बिजाई हुई है। पिछले सीजन की समीक्षागत अवधि में राज्य में इसकी 9623 हेक्टेयर में बिजाई हो चुकी थी। इस आधार पर देखें तो इसकी नवीनतम बिजाई 8191 हेक्टेयर या 85.11 प्रतिशत पिछड़ी हुई है। इतना ही नहीं, गुजरात में पिछले तीन वर्षों में सौंफ की बिजाई का औसत भी 73,677 हेक्टेयर का है। इस दृष्टिï से देखें तो राज्य में चालू सीजन की अभी तक की अवधि में हुई इसकी बिजाई 72,245 हेक्टेयर या 98.05 प्रतिशत पिछड़ी हुई है। इसका प्रमुख कारण यह है कि इस बार तापमान सौंफ समेत अन्य प्रमुख किराना जिंसों की बुआई दृष्टिï से राज्य के कुछ ही क्षेत्रों को छोडक़र शेष क्षेत्रों में अभी भी ऊंचा ही बना हुआ है। इसकी वजह से इस मौसम की सभी फसलों की बुआई में देरी हो रही है। गुजरात कृषि विभाग ने अपने नवीनतम आंकड़ों में आगे बताया है कि वर्तमान सीजन की अभी तक की अवधि में उत्तरी गुजरात सौंफ की सबसे अधिक बिजाई करने वाला क्षेत्र बनकर उभरा है। अपने नवीनतम आंकड़ों में कृषि विभाग ने बताया है कि इस क्षेत्र में इस बार अभी तक 1200 हेक्टेयर में सौंफ की बिजाई हो चुकी है। नवीनतम आंकड़े आगे बताते हैं कि उत्तरी गुजरात के महेसाणा जिले में सौंफ की सबसे अधिक 1100 हेक्टेयर में बिजाई हुई है। इसके अलावा क्षेत्र के पाटन जिले में इसकी केवल 100 हेक्टेयर में ही बिजाई हुई है। मध्य गुजरात के खेड़ा जिले में इसकी करीब 100 हेक्टेयर तथा सौराष्ट्र के सुरेन्द्रनगर जिले में सौंफ की करीब 200 हेक्टेयर में बिजाई होने के आंकड़े आए हैं। गौरतलब है कि आमतौर पर दशहरे और दीवाली जैसे त्यौहारों के आसपास गुजरात में तापमान घटकर 30 डिग्री सैल्सियस रह जाता है। तापमान इस स्तर पर आने के साथ ही राज्य के किसान सौंफ सहित अन्य रबी सीजन की किराना फसलों की बिजाई शुरू कर देते हैं लेकिन इस बार गुजरात के कुछ ही क्षेत्रों में तापमान बिजाई की इस आदर्श स्थिति पर आया है। इसलिए इस बार राज्य में विभिन्न मौसमी किराना फसलों की बिजाई शुरू होने में देरी हो रही है। हालांकि अभी बिजाई में अधिक देरी नहीं हुई है लेकिन इसकी वजह से इनका उत्पादन भी प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की जाने लगी है।