आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 27 जून को समाप्त रिपोर्टिंग पखवाड़े में सभी अनुसूचित बैंकों की जमा राशि 3,54,532 करोड़ की बढ़ोतरी के साथ, क्रेडिट विस्तार की तुलना में दोगुनी से अधिक रही। इस दौरान बैंकों द्वारा दिया गया क्रेडिट 1,69,156 करोड़ बढ़ा, जो जमा के मुकाबले काफी कम है। मई से ही यह रुझान देखने को मिल रहा है, जब जमा और ऋण की वृद्धि दर क्रमश: 10.1 परसेंट और 9.8 परसेंट दर्ज की गई थी। बैंक अधिकारियों का कहना है कि निवेशकों का रुझान फिर से बैंकों की ओर हो रहा है क्योंकि सोना और शेयर बाजार जैसे वैकल्पिक निवेश विकल्प महंगे हो गए हैं। इसके अतिरिक्त, ग्लोबल ट्रेड में अनिश्चितता और इजराइल-ईरान युद्ध जैसी भू-राजनीतिक परिस्थितियों ने भी निवेशकों को सतर्क कर दिया है। आरबीआई के मई 2025 के ऋण क्षेत्र आवंटन आंकड़ों के अनुसार, क्रेडिट ग्रोथ लगभग सभी क्षेत्रों में धीमी रही है। एग्रीकल्चर सैक्टर में क्रेडिट ग्रोथ 7.5 परसेंट रही, जो एक साल पहले 21.6 परसेंट थी। इंडस्ट्रियल सैक्टर में यह 4.9 परसेंट रही जो पिछले वर्ष 8.9 परसेंट थी। सर्विस सैक्टर में क्रेडिट ग्रोथ 9.4 परसेंट रही जो पिछले वर्ष 20.7 परसेंट थी। कंज्यूमर लोन में ग्रोथ पिछले साल के 19.3 परसेंट से घटकर 13.7 परसेंट पर आ गई। इससे पता चलता है कि इकोनॉमी में क्रेडिट डिमांड स्लो पड़ रही है जबकि बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ रही है।