ग्लोबल ट्रेडवॉर छिडऩे के बीच चीन की कंपनियों में सिंगापुर में लिस्टिंग की होड़ लगी है। रिपोर्ट कहती है कि आसियान (दक्षिण पूर्व एशिया) में अपने पांव फैलाने के प्लान के तहत कम से कम पांच चीनी कंपनियां अगले 12 से 18 महीनों में सिंगापुर में आईपीओ, ड्यूअल लिस्टिंग या शेयर प्लेसमेंट के प्लान पर काम कर रही हैं। पिछले साल सिंगापुर एक्सचेंज लि. में केवल चार कंपनियां ही आईपीओ के जरिए लिस्ट हुईं और रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट के लिए लोकप्रिय होने के बावजूद यह एक्सचेंज मेगा लिस्टिंग को आकर्षित करने और ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहा है। सिंगापुर के उलट पिछले साल हांगकांग एक्सचेंजेस एंड क्लियरिंग लि. में 71 नई कंपनियां लिस्ट हुईं। चीनी कंपनियां आसियान देशों को ग्लोबल मार्केट में एंट्री गेट के रूप में देख रही हैं और चीन से बाहर निकलने के लिए सिंगापुर पहला कदम साबित हो रहा है। चीन की कंपनियां अब तक हांगकांग में लिस्टिंग को तवज्जो देती रही हैं लेकिन ट्रंप टैरिफ के बाद वे सिंगापुर के रास्ते बाहर निकलना चाहती हैं। रिपोर्ट कहती हैं कि चीन और हांगकांग की कुछ कंपनियां सिंगापुर में लिस्टिंग के जरिए 10 बिलियन डॉलर जुटा सकती हैं। सिंगापुर की सरकार ने देश के इक्विटी मार्केट को मजबूत करने के लिए प्राइमरी लिस्टिंग पर 20 परसेंट टेक्स छूट दी है।