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04-04-2025

Trump का ग्लोबल ऑर्डर को Thumbs Down

  •  प्रेसिडेंट ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी के साथ दोस्ती की पींगे भरते हों लेकिन भारत पर 27 (26 परसेंट नहीं)  परसेंट रेसिप्रोकल टैरिफ लगाकर अटैक तो कर ही दिया। लेकिन साथ में लगी लिस्ट को देखें तो भारत के साथ गुड्स एक्सपोर्ट में कंपीटिशन वाले ज्यादातर देशों पर ट्रंप ने भारत के मुकाबले ज्यादा टैरिफ लगाया है। चीन, वियतनाम, बांग्लादेश, थाईलैंड और इंडोनेशिया गुड्स एक्सपोर्ट में भारत के प्रतिस्पर्धी हैं। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा वे (भारत) हमसे 52 परसेंट वसूल रहे हैं।  ट्रंप ने पहले घोषित 20 परसेंट टैरिफ पर टॉपअप करते हुए चीन पर 34 परसेंट और वियतनाम पर 46 परसेंट रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है।  हालांकि भारत को इससे ज्यादा टैरिफ की आशंका थी। ऐसे में 27 परसेंट टैरिफ को भारत के लिए राहत की खबर माना जा रहा है।  थिंकटैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कहा है कि भारत पर लगाए गए अपेक्षाकृत कम टैरिफ के कारण भारत की प्राइस कंपीटिटिवनैस बढ़ जाएगी जिससे चीन, वियतनाम जैसे फैक्ट्री ऑफ द वल्र्ड देशों के साथ मुकाबला करने में आसानी होगी। यहां तक ही बांग्लादेश पर लगाए गए 37% टैरिफ से भारत को गारमेंट और टेक्सटाइल एक्सपोर्ट में भी फायदा मिल सकता है।

    जीटीआरआई के अनुसार लगभग 14 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स और 9 बिलियन डॉलर का जेम्स एंड ज्यूलरी एक्सपोर्ट पर ट्रंप टैरिफ का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स में खासतौर पर मेड इन इंडिया आईफोन की प्राइस बढ़ जाएगी क्योंकि एपल भारत से बने आईफोन को अमेरिका एक्सपोर्ट करती है।  हालांकि ट्रंप ने भारत के फार्मा एक्सपोर्ट पर टैरिफ नहीं लगाया है। भारत के फार्मा एक्सपोर्ट में अमेरिका का शेयर लगभग एक तिहाई है और पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 9 बिलियन डॉलर की जेनरिक दवाएं भारत ने अमेरिका को एक्सपोर्ट की थीं।  एसोचैम और फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने कहा कि टैरिफ दरों के बीच में अपनी स्थिति के कारण भारत की एक्सपोर्ट कंपीटिटिवनैस प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में कम प्रभावित होगी। वाइट हाउस ने कहा कि भारत के नॉन टैरिफ बैरियर हटाने से भारत को सालाना कम से कम 5.3 बिलियन डॉलर का अमेरिकी एक्सपोर्ट बढ़ेगा।  अमेरिका का भारत के साथ 46 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा है। रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार जेम्स एंड ज्यूलरी, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटो पार्ट्स के एक्सपोर्ट पर असर को कम करने के लिए 23 बिलियन डॉलर के अमेरिकी एक्सपोर्ट को रियायत देने पर विचार कर रही है।  फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ वियतनाम और बांग्लादेश जैसे देशों की तुलना में कम है, जिससे भारत से गारमेंट और फुटवियर एक्सपोर्ट बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

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Trump का ग्लोबल ऑर्डर को Thumbs Down

 प्रेसिडेंट ट्रंप प्रधानमंत्री मोदी के साथ दोस्ती की पींगे भरते हों लेकिन भारत पर 27 (26 परसेंट नहीं)  परसेंट रेसिप्रोकल टैरिफ लगाकर अटैक तो कर ही दिया। लेकिन साथ में लगी लिस्ट को देखें तो भारत के साथ गुड्स एक्सपोर्ट में कंपीटिशन वाले ज्यादातर देशों पर ट्रंप ने भारत के मुकाबले ज्यादा टैरिफ लगाया है। चीन, वियतनाम, बांग्लादेश, थाईलैंड और इंडोनेशिया गुड्स एक्सपोर्ट में भारत के प्रतिस्पर्धी हैं। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा वे (भारत) हमसे 52 परसेंट वसूल रहे हैं।  ट्रंप ने पहले घोषित 20 परसेंट टैरिफ पर टॉपअप करते हुए चीन पर 34 परसेंट और वियतनाम पर 46 परसेंट रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है।  हालांकि भारत को इससे ज्यादा टैरिफ की आशंका थी। ऐसे में 27 परसेंट टैरिफ को भारत के लिए राहत की खबर माना जा रहा है।  थिंकटैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कहा है कि भारत पर लगाए गए अपेक्षाकृत कम टैरिफ के कारण भारत की प्राइस कंपीटिटिवनैस बढ़ जाएगी जिससे चीन, वियतनाम जैसे फैक्ट्री ऑफ द वल्र्ड देशों के साथ मुकाबला करने में आसानी होगी। यहां तक ही बांग्लादेश पर लगाए गए 37% टैरिफ से भारत को गारमेंट और टेक्सटाइल एक्सपोर्ट में भी फायदा मिल सकता है।

जीटीआरआई के अनुसार लगभग 14 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स और 9 बिलियन डॉलर का जेम्स एंड ज्यूलरी एक्सपोर्ट पर ट्रंप टैरिफ का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स में खासतौर पर मेड इन इंडिया आईफोन की प्राइस बढ़ जाएगी क्योंकि एपल भारत से बने आईफोन को अमेरिका एक्सपोर्ट करती है।  हालांकि ट्रंप ने भारत के फार्मा एक्सपोर्ट पर टैरिफ नहीं लगाया है। भारत के फार्मा एक्सपोर्ट में अमेरिका का शेयर लगभग एक तिहाई है और पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 9 बिलियन डॉलर की जेनरिक दवाएं भारत ने अमेरिका को एक्सपोर्ट की थीं।  एसोचैम और फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन ने कहा कि टैरिफ दरों के बीच में अपनी स्थिति के कारण भारत की एक्सपोर्ट कंपीटिटिवनैस प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में कम प्रभावित होगी। वाइट हाउस ने कहा कि भारत के नॉन टैरिफ बैरियर हटाने से भारत को सालाना कम से कम 5.3 बिलियन डॉलर का अमेरिकी एक्सपोर्ट बढ़ेगा।  अमेरिका का भारत के साथ 46 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा है। रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार जेम्स एंड ज्यूलरी, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटो पार्ट्स के एक्सपोर्ट पर असर को कम करने के लिए 23 बिलियन डॉलर के अमेरिकी एक्सपोर्ट को रियायत देने पर विचार कर रही है।  फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ वियतनाम और बांग्लादेश जैसे देशों की तुलना में कम है, जिससे भारत से गारमेंट और फुटवियर एक्सपोर्ट बढ़ाने में मदद मिल सकती है।


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