बेल एक पवित्र और औषधीय वृक्ष है, जिसका उल्लेख आयुर्वेद में कई रोगों के उपचार में किया गया है। इसके फल, पत्ते, जड़ और तना सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं। इसका उपयोग योग, पाचन में सुधार करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। बेलपत्र कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और दिल के लिए फायदेमंद हो सकता है। वैज्ञानिकों की एक टीम ने चूहों में स्तन कैंसर मॉडल पर बेल के फल का परीक्षण किया और पाया कि यह ट्यूमर के आकार को 79 प्रतिशत तक कम कर सकता है। यूपी के वैज्ञानिकों ने बेलपत्र का अध्ययन किया और पाया कि ये अस्थमा, डायरिया, इंसुलिन स्तर, बालों की मजबूती और मां के दूध की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करते हैं। बेलपत्र में विटामिन-ए, सी, बी6 के साथ कैल्शियम, फाइबर, पोटैशियम आदि पाए जाते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। खाली पेट बेलपत्र खाने से मधुमेह के साथ रक्तचाप भी नियंत्रित होता है और संक्रमण न होने का भय रहता है। पेट के रोगों में भी लाभप्रद है। इसमें फाइबर पाया जाता है, जो पेट के लिए लाभदायक होता है। सुबह खाली पेट ये पत्ते चबाने से पेट की समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इसका सेवन आप मौसम के हिसाब से करें, वहीं सर्दियों में एक से ज्यादा बेलपत्र न खाएं।